भारत का एक ऐसा गांव, जहां पर आज भी युवा अपनी मर्जी से चुनते हैं जीवन साथी

 बैगा समाज के राम खिलावन बताते हैं कि इस मेले में आकर ही युवा अपना जीवन साथी चुनते हैं, जिसके साथ वे आगे चलकर अपना पूरा जीवन व्यतीत करते हैं।

Update: 2020-12-06 10:46 GMT
लोगों को पहले ही इस मेले के आयोजन की जानकारी दे दी जाती है, ताकि वे पूरी तैयारी के साथ यहां आये। गांव के लोग मेहमानों के खाने-पीने का पूरा प्रबंध करते हैं।

कवर्धा: उत्तर प्रदेश से लेकर मध्य प्रदेश तक लव जिहाद पर हर तरफ शोर मचा हुआ है। मामला कानून बनाकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने तक जा पहुंचा है। यूपी में तो नये कानून के तहत एक युवक पर केस भी दर्ज हो गया है। जिसके बाद से लव जिहाद कानून पर बहस छिड़ी हुई है।

ऐसे समय में जबकि देश में 'लव जिहाद' को लेकर तमाम तरह की चर्चाएं चल रही हैं, छत्तीसगढ़ के कवर्धा वनांचल में रहने वाले बैगाओं की अनोखी परम्परा आज भी कायम है। यहां के लोगों के लिए 'लव जिहाद' बेमानी जैसा है।

क्योंकि इस आदिवासी समाज में युवाओं को अपना जीवन साथी अपनी मर्जी से चुनने की पूरी आजादी दी जाती है। इस मेले का आयोजन बैगा समाज के द्वारा हर वर्ष किया जाता है।

भारत का एक ऐसा गांव, जहां पर आज भी युवा अपनी मर्जी से चुनते हैं जीवन साथी (फोटो:सोशल मीडिया)

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पढ़े -लिखे योग्य युवक-युवतियां लेते हैं इस मेले में हिस्सा

खास बात ये है कि इस समाज की शादी में योग्य युवक-युवती भी शामिल होती हैं। मेले में युवा पूरे उत्साह के साथ भाग लेते हैं। लोग पारम्परिक नृत्य पर थिरकते हैं, जिसके बाद युवा अपनी पसंद से अपना जीवनसाथी चुनते हैं।

इस मेले में अलग-अलग गांव के बैगा परिवार भाग लेने के लिए आते हैं। एक गांव के लड़के वाले दो दूसरे गांव के लड़की वाले शिरकत करते हैं। युवक-युवतियों के द्वारा अपना जीवन साथी पसंद करने के बाद बैगा रीति-रिवाज के साथ उनकी शादी कराई जाती है।

ये मेला काफी समय पहले से चला आ रहा है। पारम्परिक परिधानों में कर्मा नृत्य के साथ होने वाला यह खास आयोजन बैगा आदिवासी समुदाय की पहचान बन गया है। खासकर शादी करने की चाहत लेकर आने वाले युवक और युवतियों को तो इस मेले का इंतजार रहता है।

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भारत का एक ऐसा गांव, जहां पर आज भी युवा अपनी मर्जी से चुनते हैं जीवन साथी (फोटो:सोशल मीडिया)

गांव के लोग उठाते हैं मेहमानों के खाने-पीने से लेकर मेले का खर्च

बैगा समाज के राम खिलावन बताते हैं कि इस मेले में आकर ही युवा अपना जीवन साथी चुनते हैं, जिसके साथ वे आगे चलकर अपना पूरा जीवन व्यतीत करते हैं।

लोगों को पहले ही इस मेले के आयोजन की जानकारी दे दी जाती है, जिससे कि लोग सभी तैयारी के साथ मेले में आये। ये मेला जिस भी गांव में लगता है, वहां के लोग मेहमानों के खाने-पीने का पूरा प्रबंध करते हैं।

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