Uttarakhand Forest Fire: नहीं बुझ रही अल्मोड़ा जंगल की आग, बिनसर में वनाग्नि से चार वन कर्मियों की मौत

Uttarakhand Forest Fire: अब तक वनाग्नि से जिले में 9 लोगों की मौत हो चुकी है। कर्मचारियों की मौत से परिवारों कोहराम मचा गया। सभी लोग आग लगने की सूचना मिलते ही इसको रोकने के लिए जंगल पहुंचे थे, तब वनाग्नि हादसे का शिकार हो गए।

Report :  Viren Singh
Update: 2024-06-14 06:47 GMT

Uttarakhand Forest Fire (सोशल मीडिया)

Uttarakhand Forest Fire: उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले का जंगल भीषण आग की चपेट में है। फायर सीजन में जंगल में लगी आग के कई महीने बीते गए हैं, लेकिन आग में पूरी तरफ से काबू नहीं पाया गया है। जंगल धीरे-धीरे धधकता रहा और फिर से भीषण आग लग गई है। इसका असर काफी दूर तक दिखाई रहा है। इस वनाग्नि से आम लोगों के साथ पशु-पक्षी तक सब परेशान हैं तो वहीं, वन कर्मी भी आग बुझाने में लगे होते हुए अपने प्राणों की आहूति दे रहे हैं, लेकिन आग है कि रोकने का नाम नहीं ले रही है। अल्मोड़ा का जंगल कई महीनों से धधक रहा था, मगर राज्य की धामी सरकार लोकसभा चुनाव में व्यस्त होने की वजह से इधन उतना ध्यान नहीं दिया, जितना देना चाहिए, इसका असर यह हुआ जंगल में लगी आग ने अपना रौद्र रूप धारण कर लिया है। अब सरकार से इसको नियंत्रण के लिए किए जा रहे सारे उपाय फेल साबित हो रहे हैं।

अब तक वनाग्नि से जिले में हुई 9 मौतें

मिली जानकारी के मुताबिक, बिनसर अभ्यारण क्षेत्र स्थित गैराड़ के पास जंगल की आग बुझाते समय 8 वन विभाग के कर्मी गंभीर रूप से झुलस गए, जिसमें पहले दो लोगों की मौत हुई थी। अब दो लोगों की और मौत हो गई है, जोकि यह आंकड़ा बढ़कर 4 पर पहुंच गया है, जबकि चार लोग गंभीर रूप से झुलसे हैं। यह सभी वन विभाग के अस्थायी कर्मचारी हैं। अब तक वनाग्नि से जिले में 9 लोगों की मौत हो चुकी है। कर्मचारियों की मौत से परिवारों कोहराम मचा गया। सभी लोग आग लगने की सूचना मिलते ही इसको रोकने के लिए जंगल पहुंचे थे, तब वनाग्नि हादसे का शिकार हो गए। इन मृतकों में वन विभाग के स्थाई, अस्थाई कर्मचारी और पीआरडी जवान शामिल है।

बिनसर अभयारण्य तक फैली आग

बता दें कि बीते गुरुवार दोपहर वन विभाग के कर्मचारियों को बिनसर अभयारण्य स्थित गैराड़ बुरुश कुटिया के पास जंगल में आग लगने की सूचना मिली। यह कर्मचारी विभागीय बोलेरो गाड़ी यूके 01-जीए-0124 से घटनास्थल पर जंगल में लगी आग को बुझाने पहुंचे, लेकिन इससे पहले यह भी लोग आग की भयंकर लपटों में घिर गए और बुरी तरह झुलस गए। इसमें चार कर्मचारियों की मौके पर ही मौत गई, जबकि 4 वन विभाग के कर्मचारी गंभीर रूप से झुलस हैं, जिन्हें इलाज पहले बेस चिकित्सालय लाया गया। बाद में वहां से हायर सेंटर रेफर कर दिया गया है, जहां पर इनका इलाज जारी है। आग की चपेट में वाहन भी जलकर खाक हो गया।

मृतकों और घायलों की सूची

वनाग्नि में जिन चार कर्मचारियों की मौत हुई है। इसमें दीवान राम उम्र 35 फारेस्ट गार्ड, निवासी भेटूली करन आर्या, उम्र 21 फायर वाचर, निवासी भेटूली त्रिलोक मेहता 56 फारेस्ट गार्ड, निवासी बाड़ेछीना पूरन मेहरा 52 पीआरडी जवान, निवासी कलौन है। जबकि घायलों में वन विभाग के कर्मियों में कृष्ण कुमार पुत्र नारायण राम उम्र 21 फायर वाचर, निवासी अयारपानी कैलाश भट्ट 44, पुत्र बद्री दत्त दैनिक श्रमिक वन विभाग, निवासी भट्ट घनेली भगवत सिंह भोज 38 पुत्र बची सिंह, चालक निवासी अयारपानी कुंदन नेगी 44 पुत्र प्रताप सिंह, पीआरडी निवासी खांकरी हैं।

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