OH! तो इस वजह से मशहूर हो रहा है अल्मोड़ा का मटेना गांव, आप भी जानें
नंदा देवी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना अल्मोड़ा के ग्राम मटेना में होने जा रही है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की मौजूदगी में सचिवालय में द हंस फाउण्डेशन एवं नन्दा देवी सोसाइटी फॉर हैंडलूम्स एंड नेचुरल फाइबर्स के मध्य एमओयू दस्तखत हुए।
देहरादून: नंदा देवी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना अल्मोड़ा के ग्राम मटेना में होने जा रही है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की मौजूदगी में सचिवालय में द हंस फाउण्डेशन एवं नन्दा देवी सोसाइटी फॉर हैंडलूम्स एंड नेचुरल फाइबर्स के मध्य एमओयू दस्तखत हुए।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने इसे महिलाओं को स्वालम्बी बनाने की दिशा में सकारात्मक पहल बताया है। उन्होंने कहा कि अल्मोड़ा के ग्राम मटेना में नन्दा देवी सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना के लिए भूमि हस्तान्तरित कर दी गयी है।
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द हंस फाउण्डेशन ने इस केन्द्र के संचालन एवं प्रबन्धन के कार्य के साथ-साथ वित्तीय सहायता उपलब्ध कराये जाने के प्रस्ताव पर राज्य सरकार द्वारा सहमति व्यक्त की गयी है। उन्होने कहा कि फॉउंडेशन द्वारा इस सोसाइटी के माध्यम से राज्य में हथकरघा तथा प्राकृतिक रेशों से निर्मित उत्पादों का विकास बुनकरों, शिल्पियों के कौशल एवं तकनीकी विकास तथा जीविकोपार्जन एवं बैकवर्ड तथा फॉर्वर्ड लिंकेज का कार्य किया जाएगा।
इससे अल्मोड़ा के साथ ही प्रदेश के विभिन्न जनपदों में महिलाओं की आर्थिक स्थिति में सुधार के साथ ही स्थानीय स्तर पर उपलब्ध नेटल, भीमल एवं अन्य प्राकृतिक रेशे के उत्पादन तथा व्यवसायीकरण में मदद मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने हंस फाउण्डेशन से पर्वतीय क्षेत्रों में परम्परागत मधुमक्खी पालन तथा सेब की उन्नत प्रजाति को बढ़ावा देने में भी सहयोग की अपेक्षा की। हंस फाउण्डेशन के अधिशासी निदेशक डॉ. जीवी राव ने बताया कि उनका प्रयास है कि नन्दा देवी सोसाइटी के माध्यम से आगामी तीन साल में 5000 महिलाओं को लाभान्वित कर उनके मानदेय को दोगुना किया जाए।
इस केन्द्र में स्थानीय महिलाओं द्वारा तैयार किये गये उच्च गुणवत्ता वाले हथकरघा एवं प्राकृतिक रेशों के उत्पादों की मार्केटिंग की उचित व्यवस्था हेतु आवश्यक सहयोग प्रदान किया जाएगा। साथ ही बुनकर बाहुल्य क्षेत्र की महिलाओं हेतु हथकरघा क्षेत्र में बेसिक एवं एंडवास ट्रैनिंग कार्यक्रमों का संचालन प्रदान किया जाएगा।
राज्य में स्थानीय स्तर पर उपलब्ध नेटल, भीमल, स्थानीय ऊन का उपयोग कर, डिजाइन एवं उत्पाद विकास में विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। केन्द्र में उत्पादन क्षमता बढ़ाये जाने हेतु आधुनिक एवं उच्च तकनीक वाली मशीनों का उपयोग कर, हथकरघा उत्पाद किये जायेंगे।
इस केन्द्र के सहयोग से बुनकर बाहुल्य जनपदों उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, पिथौरागढ़ एवं अन्य जनपदों में महिलाओं हेतु कौशल अभिवृद्धि के उद्देश्य से प्रशिक्षण कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाएगा।