MP News: रघुनाथ शाह बलिदान दिवस पर जबलपुर आ रहे हैं जगदीप धनखड़, भोपाल में कमलनाथ देंगे श्रद्धांजलि
MP News: रविवार यानि 18 सितंबर को गोंडवाना राज्य के राजा शंकर शाह, रघुनाथ शाह बलिदान दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में भाग लेने उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ जबलपुर आ रहे हैं।
MP News: मध्यप्रदेश की राजनीति में आदिवासी समाज का विशेष महत्व है। साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में आदिवासी क्षेत्रों में मात खाने के कारण बीजेपी को सत्ता गंवानी पड़ी थी। हालांकि डेढ़ साल के अंदर हुए दल-बदल के बाद मप्र में भाजपा की फिर से सरकार बन गई। कांग्रेस के लिए गेम चेंजर रहे ट्रायबल बेल्ट पर बीजेपी के राष्ट्रीय नेतृत्व की नजर बनी हुई है। आदिवासियों को भाजपा से जोड़ने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह के कार्यक्रम इससे पहले हो चुके हैं।
रविवार यानि 18 सितंबर को गोंडवाना राज्य के राजा शंकर शाह, रघुनाथ शाह बलिदान दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में भाग लेने उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ जबलपुर आ रहे हैं। धनखड़ के साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी सुबह 9.40 बजे जबलपुर के डुमना एयरपोर्ट पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की आगवानी करेंगे। उनके साथ आयोजित कार्यक्रमों में शामिल होंगे । मुख्यमंत्री दोपहर 3.35 बजे डुमना विमानतल पर उपराष्ट्रपति को विदाई देने के बाद दोपहर 3.50 बजे वायुयान से भोपाल रवाना होंगे।
कमलनाथ पीसीसी में देंगे राजा शंकर शाह, रघुनाथ शाह को श्रद्धांजलि
कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ पीसीसी में राजा शंकर शाह, रघुनाथ शाह के शहीदी दिवस पर श्रद्धांजलि सभा आयोजित की है। जहां उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी। श्रद्धांजलि सभा में प्रदेश कांग्रेस के पदाधिकारी, विधायक गण, पूर्व विधायक, पूर्व सांसद और कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद रहेंगे। इस दौरान कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी जेपी अग्रवाल,आदिवासी कांग्रेस के अध्यक्ष ओमकार सिंह मरकाम भी उपस्थित होंगे।
साल भर पहले गृहमंत्री अमित शाह आए थे जबलपुर
आदिवासी वोटर्स को प्रभावित करने की प्लानिंग पर भाजपा का राष्ट्रीय नेतृत्व पहले से जुटा हुआ है। एक साल पहले जबलपुर में केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह गौंड राजा शंकर शाह, रघुनाथ शाह बलिदान दिवस के कार्यक्रम में शामिल हुए थे। इसी कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने छिंदवाड़ा विश्वविद्यालय शंकर शाह के नाम पर करने की घोषणा भी की थी। इसके अलावा पेसा एक्ट पूरे प्रदेश में लागू करने का ऐलान किया था। पेसा एक्ट (अनुसूचित क्षेत्रों में विस्तार) कानून 1996 में आया था। इसे आदिवासी-बहुल क्षेत्र में स्व-शासन (ग्राम सभा) को मजबूती प्रदान करने के लिए लाया गया था।