रद्द हो सकती है माल्या की राज्यसभा सदस्यता, आचार समिति ने जताई रजामंदी

Update: 2016-04-26 08:19 GMT

नई दिल्ली: बैंकों के कर्ज तले दबे शराब कारोबारी विजय माल्या की मुश्किलें कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं। अभी बीते दिनों जहां केंद्र सरकार ने माल्या का पासपोर्ट रद्द कर उन्हें झटका दिया था वहीँ अब उनके राज्यसभा सदस्यता पर भी संकट के बादल घिरते नजर आ रहे हैं। बीते सोमवार को राज्यसभा की आचार समिति ने माल्या को राज्यसभा से निष्कासित करने की संस्तुति की है।

माल्या के विरोध में सभी सदस्यों की सहमति

-विजय माल्या के मुद्दे पर चर्चा के लिए राज्यसभा की आचार समिति की बैठक बुलाई गई।

-इस बैठक में उपस्थित सभी सदस्यों ने माल्या की सदस्यता रद्द करने पर रजामंदी जाहिर की।

-इस बात की जानकारी जनता दल (युनाइटेड) के नेता और समिति के सदस्य शरद यादव ने दी।

-उन्होंने कहा कि माल्या की सदस्यता खत्म करने का निर्णय लिया गया है। इस पर सभी सदस्यों की सहमति थी।

रविवार को रद्द हुआ था माल्या का पासपोर्ट

-रविवार को माल्या का पासपोर्ट रद्द कर दिया गया था।

-यह निर्णय उस वक्त लिया गया था जब माल्या भारतीय बैंकों का कर्ज न चुकाने के मामले में कोर्ट में पेश नहीं हुए थे।

-पासपोर्ट रद्द किए जाने के बाद अब माल्या को ब्रिटेन से वापस बुलाने की प्रक्रिया शुरू करने का मार्ग खुल गया गया है।

-माल्या अभी ब्रिटेन में ही हैं।

माल्या पर है 9000 करोड़ का कर्ज

-माल्या और उनकी कंपनी किंग फिशर पर 17 बैंकों का करीब 9000 करोड़ रुपए का कर्ज है।

-अकेले एसबीआई को ही कंपनी से 1,600 करोड़ रुपये से अधिक वसूलने हैं।

-माल्या ने सुप्रीम कोर्ट के सामने बैंकों के 4,000 करोड़ रुपए लौटाने की पेशकश भी की थी, लेकिन बैंकों ने उनके इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया था।

 

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