चमकी बुखार: सांसद -विधायक पर फूटा ग्रामीणों का गुस्सा, बनाया बंधक, पैसे देकर छूटे
स्थानीय लोजपा विधायक राजकुमार साह के देर से आने से खफा ग्रामीणों ने पहले उनके खिलाफ नारेबाजी की फिर उन्हें बंधक बना लिया। नाराज ग्रामीणों का कहना था कि बीमारी से बच्चों की मौत हो जाती है और विधायक इसकी सुध लेने भी नहीं आते हैं।
वैशाली: बिहार के हाजीपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद पशुपति कुमार पारस और विधायक राजकुमार साह रविवार को चमकी प्रभावित हरिवंशपुर गांव पहुंचे। वहां पर बुखार पीड़ितों के परिवार वालों ने दोनों जन प्रतिनिधि को खूब खरी खोटी सुनाई। सांसद और विधायक से स्थानीय लोग काफी नाराज दिखे।
स्थानीय लोजपा विधायक राजकुमार साह के देर से आने से खफा ग्रामीणों ने पहले उनके खिलाफ नारेबाजी की फिर उन्हें बंधक बना लिया। नाराज ग्रामीणों का कहना था कि बीमारी से बच्चों की मौत हो जाती है और विधायक इसकी सुध लेने भी नहीं आते हैं।
वहीं खबर अब ये भी आ रही है कि पुलिस के पहुंचने से पहले विधायक ने ग्रामीणों को पैसे भी दिए थे। उसके बाद ही ग्रामीणों ने उन्हें छोड़ा था।उधर विधायक के बंधक बनाने की सूचना पर पुलिस फोर्स गांव पहुंची और कड़ी मशक्कत के बाद विधायक को छुड़ाकर रवाना किया।
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सांसद पर बिफरे ग्रामीण
विधायक के रवाना होने के थोड़ी देर बाद हरिवंशपुर में ही पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे राम विलास के भाई और सांसद पशुपति कुमार पारस को भी लोगों ने खरी-खोटी सुनाई। हालांकि, सांसद ने नाराज लोगों को समझाया। पीड़ित परिवार से मुलाकात के बाद उन्होंने कहा कि जितना संभव होगा सरकार की तरफ से मदद की जाएगी।
सांसद ने कहा कि पीड़ित परिवार को मुआवजा भी दिया जाएगा। उन्होंने चमकी बुखार से हुई बच्चों की मौत पर संवेदना जताई। पारस ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की तरफ से पूरा इंतजाम किया जा रहा है। इस बीमारी से होने वाली मौत के रोकथाम के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है। सरकार इसको लेकर काफी चिंतित है। हम गरीब परिवार का दर्द समझते हैं।
गांव में चिपकाए थे लापता होने के पोस्टर
उधर हरिवंशपुर गांव के लोगों ने शनिवार को रामविलास पासवान की 'गुमशुदगी' के पोस्टर लगाए थे और मांग की थी कि इस नाजुक समय पर उन्हें इलाके का दौरा करना चाहिए। रामविलास पासवान तो वहां नहीं पहुंच पाए लेकिन उनके भाई पशुपति पारस ने लोगों से मिलकर उनका हाल जाना। हालांकि उन्हें भी ग्रामीणों के गुस्से का सामना करना पड़ा।
हाजीपुर से सटे मुजफ्फरपुर जिले में चमकी (दिमागी बुखार, इनसेफ्लाइटिस) बीमारी से लोग त्रस्त हैं और कई बच्चे मौत का शिकार हो चुके हैं। मुजफ्फरपुर स्थित श्रीकृष्ण मेडिकल हॉस्पिटल में अभी भी 100 से ज्यादा बच्चों का इलाज चल रहा है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन, केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जैसे नेता इस अस्पताल का जायजा ले चुके हैं और हर संभव मदद का आश्वासन दे चुके हैं। हालांकि जमीनी स्तर पर अभी कोई बहुत बड़ा सुधार होता नहीं दिख रहा और हर दिन बच्चों की मौत का सिलसिला जारी है।
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रविवार को लालगंज के एलजेपी विधायक राज कुमार शाह दौरे पर पहुंचे जिसका गांव वालों ने काफी विरोध किया और उनके खिलाफ नारे लगाए। हरिवंशपुर गांव में राम विलास पासवान के अलावा राज कुमार साह की गुमशुदगी के भी पोस्टर लगाए गए हैं। लोगों की शिकायत है कि लालगंज के विधायक आज दौरे पर पहुंचे हैं जबकि इसके पहले वे कभी नहीं आए।
उधर रविवार को राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) छात्र संघ के सदस्यों ने प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति पर चिंता जाहिर करते हुए विरोध मार्च निकाला और स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के इस्तीफे की मांग की। छात्र संघ ने इस बीमारी की बारीकी से जांच कराने के लिए कमेटी बनाने और इनसेफ्लाटिस से जूझते परिवारों के लिए मुआवजे की मांग की।
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