West Bengal News: चुनावी हिंसा को लेकर टीएमसी और राजभवन आमने-सामने, राज्यपाल के दौरे पर ममता की पार्टी हमलावर
West Bengal News: राज्य में शनिवार को भी कई स्थानों पर हिंसक घटनाएं हुई हैं। हिंसा की इन घटनाओं को लेकर राजभवन और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस में टकराव बढ़ता हुआ नजर आ रहा है।
West Bengal News: पश्चिम बंगाल में 8 जुलाई को होने वाले पंचायत चुनाव से पहले राज्य के कई जिलों में हिंसा की खबरें मिल रही हैं। राज्य में शनिवार को भी कई स्थानों पर हिंसक घटनाएं हुई हैं। हिंसा की इन घटनाओं को लेकर राजभवन और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस में टकराव बढ़ता हुआ नजर आ रहा है। राज्यपाल सीवी आनंद बोस के हिंसाग्रस्त इलाकों का दौरा करने पर टीएमसी ने तीखी आपत्ति जताई है। टीएमसी के सांसद और वरिष्ठ नेता सौगत रॉय ने कहा कि कानून और व्यवस्था राज्य सरकार के अधीन है। इसमें दखल देने का राजभवन को कोई अधिकार नहीं है।
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शनिवार को कूचबिहार के दिनहटा स्थित साहेबगंज में केंद्रीय मंत्री नीतीश प्रमाणिक के काफिले पर भी हमले की घटना हुई थी। प्रमाणिक ने इस हमले के पीछे टीएमसी समर्थकों का हाथ बताया है। इस बीच राजभवन की ओर से राज्य चुनाव आयुक्त राजीव सिन्हा को तलब किए जाने पर सिन्हा ने कहा कि पंचायत चुनाव में व्यस्त होने का कारण वे अभी राज्यपाल से नहीं मिल पाएंगे।
राज्यपाल का चुनावी हिंसा खत्म करने पर जोर
पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव की प्रक्रिया शुरू होने के साथ ही विपक्ष और राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के बीच टकराव बढ़ गया है। राज्य के विभिन्न इलाकों में हो रही हिंसा की घटनाओं को लेकर राजभवन भी सक्रिय हो गया है। राज्यपाल आनंद बोस ने दक्षिण 24 परगना के हिंसाग्रस्त इलाके भांगड़ और कैनिन का दौरा किया। राज्यपाल ने राजनीतिक हिंसा पर चिंता जताते हुए कहा कि हिंसा का यह दौर खत्म किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हिंसा का रास्ता छोड़कर मतों के आधार पर चुनावी जीत का फैसला किया जाना चाहिए।
राज्यपाल ने हिंसा की घटनाओं को लेकर राज्य चुनाव आयुक्त राजीव सिन्हा को भी तलब किया। हालांकि इस पर जवाब देते हुए राज्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि पंचायत चुनाव में व्यस्त होने के कारण वे राज्यपाल से नहीं मिल पाएंगे। सिन्हा ने राज्यपाल से किसी और दिन मुलाकात की बात कही है।
राज्यपाल के दौरे पर टीएमसी ने जताई आपत्ति
राज्यपाल के दौरे पर टीएमसी के वरिष्ठ नेता और सांसद सौगत रॉय ने तीखी आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि कानून-व्यवस्था राज्य सरकार के अधीन है और इसमें राजभवन को हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। टीएमसी नेता ने कहा कि चुनावी हिंसा रोकने के लिए कदम उठाना राज्य चुनाव आयुक्त का काम है। राजभवन को इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि चुनाव की घोषणा के बाद राज्यपाल की कोई भूमिका नहीं रह जाती।
उन्होंने आरोप लगाया कि भांगड़ और कैनिन के दौरे के समय राज्यपाल भाजपा के ऑफिस में बैठे थे। उन्होंने राज्यपाल पर भाजपा के इशारे पर काम करने का बड़ा आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा कि हिंसा की घटनाओं में टीएमसी के लोग ही मारे गए हैं।
हमले के बाद केंद्रीय मंत्री का बड़ा आरोप
पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव की घोषणा के बाद से ही हिंसा की घटनाओं पर रोक नहीं लग पा रही है। शनिवार को केंद्रीय मंत्री निशित प्रमाणिक के काफिले पर भी हमला हुआ था। केंद्रीय मंत्री ने आरोप लगाया कि तृणमूल समर्थकों की ओर से उनके काफिले पर पथराव किया गया। इस दौरान बमों और तीरों से भी हमला किया गया। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पश्चिम बंगाल में भयावह स्थिति बनी हुई है। दूसरी ओर तृणमूल कांग्रेस ने केंद्रीय मंत्री के आरोपों को झूठ का पुलिंदा बताया है।
इस बीच केंद्रीय बलों की तैनाती के खिलाफ ममता सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का इंतजार किया जा रहा है। दूसरी ओर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने चुनावी हिंसा के संबंध में राज्यपाल से मुलाकात की। मुलाकात के बाद उन्होंने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ दल के लोग पंचायत चुनाव में हिंसा फैलाने की साजिश रच रहे हैं।