Bengal Violence: बंगाल में रक्तपात और बम धमाके से कांप उठे लोग, टीएमसी के नाबालिक वर्कर की मौत, पंचायत चुनाव से पहले जारी है हिंसा
Bengal Violence: फिर टीएमसी शासित यह राज्य बमबाजी से दहल उठा है। देशी बमों के इस्तेमाल के लिए कुख्यात बंगाल में ताजा हिंसक झड़प में एक और टीएमसी वर्कर की जान चली गई है।
Bengal Violence: पश्चिम बंगाल बीते एक माह से पंचायत चुनाव को लेकर राजनीतिक हिंसा की आग में जल रहा है। राज्य की तमाम सियासी पार्टियों के कार्यकर्ताओं से बीच आए दिन हिंसक झड़प की घटनाएं हो रही हैं। जिसमें लोगों की जान भी जा रही है। एकबार फिर टीएमसी शासित यह राज्य बमबाजी से दहल उठा है। देशी बमों के इस्तेमाल के लिए कुख्यात बंगाल में ताजा हिंसक झड़प में एक और टीएमसी वर्कर की जान चली गई है। खबरों के मुताबिक, मृतक नाबालिग था और उसकी मौत बम धमाके के चपेट में आने की वजह से हुई।
लेफ्ट गठबंधन पर बम हमले का आरोप
पश्चिम बंगाल में बमबाजी की ताजा घटना उत्तर 24 परगना जिले से आई है। पुलिस के मुताबिक, मंगलवार को 17 वर्षीय नाबालिग लड़का इमरान हसन सत्तारूढ़ तृणमुल कांग्रेस की एक रैली में हिस्सा लिया था। देगंगे नामक जगह पर आयोजित रैली में अचानक बम बिस्फोट हुआ, जिसकी चपेट में आकर उसकी मौत हो गई। टीएमसी ने सीपीएम-आईएसएफ फ्रंट पर बमबारी करने का आरोप लगाया है। हालांकि, लेफ्ट गठबंधन ने इससे इनकार किया है।
पुलिस ने मृतक नाबालिग के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। परिवार की शिकायत पर मामला दर्ज कर इसकी जांच शुरू कर दी गई है। राज्य में 8 जुलाई को पंचायत चुनाव के लिए मतदान होने हैं। इससे पहले विभिन्न जिलों से जमकर हिंसक वारदातों की खबर आ रही है।
अभी तक 10 से अधिक लोगों ने गंवाई जान
पश्चिम बंगाल का राजनीतिक इतिहास काफी रक्तरंजित रहा है। चुनावों में अक्सर यहां बेगुनाहों के खून बहते रहे हैं। 9 जून को पंचायत चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया शुरू होते ही राज्य में हिंसा का नया दौर शुरू हो गया, जो अब तक जारी है। तकरीबन एक माह से हर दिन सियासी गुटों के बीच हिंसक झड़पों की खबरें आती रहती हैं। सत्तारूढ़ ट़ीएमसी से लेकर विपक्षी बीजेपी के कर्यकर्ताओं तक की हत्याएं हो चुकी हैं। खुद बंगाल पुलिस ने अभी तक 10 से अधिक लोगों के मारे जाने की बात स्वीकार की है।