Ajmer News: हिन्दू सेना के विष्णु गुप्त पर हमला, दो अज्ञात बदमाशों ने किया हमला
Ajmer News: अधिकारियों ने मामले की गंभीरता को देखते हुए आगे की जांच के लिए स्थानीय पुलिस को सूचित कर दिया गया है। स्थानीय पुलिस ने मामले का संज्ञान लेकर जांच शुरू कर दी है।;
Ajmer News: बड़ी खबर आ रही है कि अजमेर दरगाह के भीतर हिंदू मंदिर बताने वाले हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता पर दिल्ली जाते समय दो अज्ञात बदमाशों ने कथित तौर पर हमला किया है। अधिकारियों के अनुसार, गुप्ता ने शिकायत की है कि दो अज्ञात बदमाशों ने दिल्ली जाते समय गगवाना लाडपुरा पुल के पास उन पर कथित तौर पर गोलियां चलाईं।
अधिकारियों ने मामले की गंभीरता को देखते हुए आगे की जांच के लिए स्थानीय पुलिस को सूचित कर दिया गया है। स्थानीय पुलिस ने मामले का संज्ञान लेकर जांच शुरू कर दी है। नवंबर में, विष्णु गुप्ता ने यह दावा करके विवाद खड़ा कर दिया था कि अजमेर शरीफ दरगाह के भीतर एक हिंदू मंदिर है।
विष्णु गुप्त ने यह भी कहा कि उन्हें पहले भी जान से मारने की धमकियाँ मिली हैं। उन्हें दो बार जान से मारने की धमकी मिली थी, एक कनाडा से और दूसरा भारत से और कॉल करने वाले ने उन्हें जान से मारने की धमकी दी थी। हालाँकि, उन्होंने कहा कि वह ऐसी धमकियों से नहीं डरेंगे।
घटनाओं में वृद्धि की आलोचना
ऑल इंडिया सूफी सज्जादानशीन काउंसिल के अध्यक्ष सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने पहले ऐसी घटनाओं में वृद्धि की आलोचना की थी जहाँ विभिन्न समूह मस्जिदों और दरगाहों पर दावा कर रहे हैं। सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने दरगाहों को रेगुलेट करने के लिए अगल कानून की भी मांग की है। उनका कहना है कि दरगाहों का वक्फ अधिनियम में कोई जिक्र नहीं है।
उन्होंने कहा, देश में ऐसी घटनाएं बढ़ रही हैं। हर दूसरे दिन हम देखते हैं कि समूह मस्जिदों और दरगाहों पर दावा कर रहे हैं। यह हमारे समाज और देश के हित में नहीं है। आज भारत एक वैश्विक शक्ति बन रहा है। हम कब तक मंदिर और मस्जिद के विवाद में उलझे रहेंगे?"
चिश्ती ने आगे केंद्र सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप करने का आग्रह किया और कहा कि एक कानून बनाया जाना चाहिए और दिशा-निर्देश जारी किए जाने चाहिए ताकि कोई भी इन जैसे धार्मिक संगठनों पर दावा न कर सके।
नया कानून बनाया जाना चाहिए
उन्होंने कहा, अजमेर का इतिहास 850 साल पुराना है... मैं भारत सरकार से इसमें हस्तक्षेप करने की अपील करता हूं। एक नया कानून बनाया जाना चाहिए और दिशा-निर्देश जारी किए जाने चाहिए ताकि कोई भी इन जैसे धार्मिक संगठनों पर दावा न कर सके। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने भी इस प्रवृत्ति पर सवाल उठाते हुए कहा था कि हम कब तक मस्जिदों में शिवालय ढूंढते रहेंगे।