Waqf Bill: ईसाई सांसदों ने दिया मुस्लिमों को समर्थन, कहा-अल्पसंख्यकों के अधिकारों को प्रभावित करता है बिल
Waqf Bill: वक्फ संशोधन बिल को लेकर गठित संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की बैठकों का सिलसिला जारी है।;
Waqf Bill: केंद्र सरकार की ओर से पेश किए गए वक्फ संशोधन बिल को लेकर गठित संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की बैठकों का सिलसिला जारी है। समिति की ओर से इस बाबत सांसदों के साथ ही विभिन्न वर्गों की राय ली जा रही है। इस बीच विभिन्न राजनीतिक दलों से जुड़े ईसाई सांसदों की बैठक में बड़ा फैसला लिया गया है। विभिन्न दलों से जुड़े करीब 20 ईसाई सांसदों ने इस मुद्दे पर मुसलमानों को समर्थन देने का फैसला किया है।
इन सांसदों ने कहा कि वक्फ संशोधन बिल संविधान में निहित अल्पसंख्यकों के अधिकारों को प्रभावित करता है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर ईसाई समुदाय को सैद्धांतिक रूप से अपना अलग रुख अपनाना चाहिए।
बैठक में ईसाई समुदाय से जुड़े मुद्दों पर चर्चा
देश में कैथोलिकों की सर्वोच्च संस्था कैथोलिक बिशप्स कान्फ्रेंस आफ इंडिया (सीबीसीआई) की ओर से हाल में ईसाई सांसदों की बड़ी बैठक का आयोजन किया गया था। सीबीसीआई की ओर से दशकों बाद इस तरह की बैठक बुलाई गई थी। इस बैठक की अध्यक्षता सीबीसीआई के अध्यक्ष आर्कबिशप एंड्रयूज ने की। बैठक में ईसाई समुदाय और उसके अधिकारों का समर्थन और सुरक्षा करने में ईसाई सांसदों की भूमिका पर गहराई से मंथन किया गया। इसके साथ ही अल्पसंख्यकों और विशेष रूप से ईसाई समुदाय के खिलाफ बढ़ते हमलों और ईसाई संस्थानों को निशाना बनाने के लिए एफसीआरए का दुरुपयोग के मुद्दे पर भी बैठक में चर्चा की गई।
वक्फ बिल पर मुसलमानों को दिया समर्थन
देश में रहने वाले अल्पसंख्यक समुदायों पर चर्चा के दौरान केंद्र सरकार की ओर से पेश किए गए वक्फ संशोधन बिल पर भी मंथन किया गया। विभिन्न राजनीतिक दलों से जुड़े ईसाई सांसदों का मानना था कि इस मुद्दे पर मुसलमानों का समर्थन किया जाना चाहिए।
उनका कहना था कि संविधान में उल्लिखित अल्पसंख्यकों के अधिकारों की सुरक्षा जरूरी है जबकि यह बिल अल्पसंख्यकों के अधिकारों को प्रभावित करता है। ऐसे में ईसाई सांसदों को इस बिल के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करनी चाहिए।
20 ईसाई सांसदों ने लिया बैठक में हिस्सा
बैठक में 20 ईसाई सांसदों ने हिस्सा लिया जिनमें अधिकांश विपक्षी दलों से जुड़े हुए थे। बैठक में हिस्सा लेने वाले ईसाई सांसदों में तृणमूल कांग्रेस के संसदीय दल के नेता डेरेक ओ ब्रायन, कांग्रेस के सांसद हिबी ईडन, डीन कुरियाकोस, एंटो एंटनी और माकपा के सांसद जान ब्रिटास आदि शामिल थे। बाद में केंद्रीय राज्य मंत्री की जॉर्ज कुरियन ने भी बैठक में हिस्सा लिया। हालांकि वक्फ संशोधन बिल के मुद्दे पर उन्होंने चुप्पी साधे रखी।
सकारात्मक भूमिका को उजागर करने पर जोर
बैठक के दौरान एक वरिष्ठ विपक्षी सांसद का कहना था कि समाज में ईसाई समुदाय की ओर से निभाई जा रही महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर किया जाना चाहिए। उनका कहना था कि हमें समाज से जुड़े सकारात्मक बिंदुओं को भी सबके सामने रखना चाहिए। सरकार और जनता को यह बताया जाना चाहिए कि ईसाई संस्थानों में चार में से तीन छात्र अलग-अलग समुदायों से हैं।
सांसद का कहना था कि केवल नकारात्मक समाचारों पर प्रतिक्रिया जताने से समाज को कुछ भी हासिल नहीं होगा। इस बैठक के दौरान वक्फ संशोधन बिल पर ईसाई सांसदों की राय बिल्कुल साफ तौर पर उजागर हो गई है। माना जा रहा है कि ईसाई सांसद अब इस मुद्दे पर खुलकर मुस्लिम समुदाय के साथ खड़े होंगे।