.......और अब पश्चिम बंगाल विधानसभा में जीएसटी विधेयक पारित

Update: 2017-08-08 14:02 GMT

कोलकाता : पश्चिम बंगाल वस्तु एवं सेवा कर विधेयक, 2017 को विधानसभा में सोमवार को पारित कर दिया गया। यह विधेयक अब ममता बनर्जी सरकार द्वारा नई कर प्रणाली को लेकर लाए गए अध्यादेश की जगह लेगा। भारतीय जनता पार्टी-नीत केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि 'आवश्यक अवसंरचना के बगैर' नई कर प्रणाली को लागू कर दिया गया और राज्य को इसके लिए अध्यादेश लाने पर मजबूर किया गया।

बनर्जी ने बहस में शामिल होते हुए कहा कि जीएसटी को लागू करने से आम आदमी को परेशानी हो रही है। उन्होंने कहा, "हमें राज्य में अध्यादेश लाने पर मजबूर किया गया। अगर हम ऐसा नहीं करते तो केंद्र के खजाने से राज्य को पैसा मिलना संभव नहीं होता।"

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वित्तमंत्री अमित मित्रा ने डब्ल्यूबीजीएसटी विधेयक पेश करते हुए कहा कि इसे पारित करना राज्य की मजबूरी है, लेकिन वे परिषद की आगे की बैठकों में आम लोगों के लिए लड़ते रहेंगे।

उन्होंने कहा, "मैंने बैठकों में न केवल विरोध किया, बल्कि एक बार बैठक का विरोध करते हुए बीच में छोड़कर निकल गया था। प्रणाली में करीब 4,000 करोड़ रुपये लेन-देन दर्ज किए जाएंगे, जिसको जीएसटीएन (जीएसटी नेटवर्क) संभालेगा।"

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उन्होंने कहा, "जब मैंने जीएसटीएन अधिकारियों से प्रणाली के परीक्षण के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि हरेक राज्य से 200 कंपनियों का परीक्षण किया गया, जिसमें से 30 फीसदी असफल रहे। इससे साबित होता है कि प्रणाली अभी तैयार नहीं है।"

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से जीएसटी टालने को कहा था, ताकि 'लोगों को, प्रौद्योगिकी और प्रणाली को' नई कर प्रणाली के लिए समय मिल सके। बहस में भाग लेनेवाले वामपंथी सदस्यों ने भी विधेयक का विरोध किया। यह कानून ध्वनि मत से पारित किया गया।

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