West Bengal: ममता बनर्जी ने दुर्गा पूजा घोषणाओं से साधे एक तीर से दो निशाने

West Bengal: पश्चिम बंगाल में इस बार दुर्गापूजा की खास तैयारियां हैं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ऐलान किया है कि इस बार पूजा समारोह विशेष ढंग से मनाए जाएंगे। इसी क्रम में ममता बनर्जी ने राज्य के दुर्गापूजा आयोजकों के लिए सरकारी सहायता की राशि बढ़ा दी है।

Report :  Neel Mani Lal
Update:2022-08-27 12:18 IST

West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee (image social media)

West Bengal: पश्चिम बंगाल में इस बार दुर्गापूजा की खास तैयारियां हैं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ऐलान किया है कि इस बार पूजा समारोह विशेष ढंग से मनाए जाएंगे। इसी क्रम में ममता बनर्जी ने राज्य के दुर्गापूजा आयोजकों के लिए सरकारी सहायता की राशि बढ़ा दी है। जानकारों का कहना है कि ममता बनर्जी ने पूजा समारोहों के खास आयोजन तथा अनुदान राशि बढ़ा कर एक तीर से दो निशाने साधने की कोशिश की है। 

यह तृणमूल पार्टी के दो नेताओं के खिलाफ चल रहे भ्रष्टाचार के आरोपों से ध्यान हटाने के अलावा भाजपा के उन आरोपों का जवाब भी है कि ममता दुर्गापूजा के लिए पर्याप्त मदद नहीं देती हैं। यूनेस्को द्वारा कोलकाता की दुर्गापूजा को हेरिटेज टैग दिए जाने का जश्न मनाने के लिए ममता पहले ही 1 सितंबर को एक विशाल जुलूस निकालने की घोषणा कर चुकी हैं। 

इस बार दुर्गापूजा त्योहार 1 अक्टूबर से शुरू हो रहा है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 43,000 पंजीकृत पूजा आयोजकों में से प्रत्येक को 60,000 रुपये की वित्तीय सहायता की घोषणा की है। पिछले साल यह राशि 50,000 रुपये थी। अब राज्य सरकार को 240 करोड़ रुपये खर्च करने पड़ेंगे। ममता बनर्जी ने कहा है कि इस बार दुर्गा पूजा 'विशेष' होगी। उन्होंने कहा कि "पूजा की तैयारी रैली के साथ शुरू होगी। इस बार जरूर खास होगा। धर्म अलग हो सकता है लेकिन त्योहार सभी के लिए है। इस बार पूजा से पहले एक विदेशी टीम इसकी तैयारी देखने के लिए आएगी।"

दुर्गा पूजा पर राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए 30 सितंबर से 10 अक्टूबर तक 11 दिन की छुट्टी घोषित की गई है। दुर्गा पूजा 1 अक्टूबर से शुरू होने वाली है और विजयादशमी 5 अक्टूबर को होगी। ममता बनर्जी ने घोषणा की है कि दुर्गा प्रतिमा का विसर्जन 5-8 अक्टूबर को होगा। इस बार कोलकाता कार्निवल 8 अक्टूबर को होगा। ममता बनर्जी ने पूजा आयोजकों से मुलाकात के बाद उन्हें और अधिक वित्तीय सहायता की घोषणा की। समझा जाता है कि ममता की हालिया घोषणाएं भगवा खेमे के आरोप का जवाब हैं। 

पिछले विधानसभा चुनावों के दौरान ममता पर दुर्गा पूजा और सरस्वती पूजा के उत्सव को प्रतिबंधित करने का आरोप लगाया गया था। फिलहाल, टीएमसी अब भ्रष्टाचार के आरोपों में पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी और पार्टी के मजबूत नेता अनुब्रत मंडल की गिरफ्तारी के मुद्दे पर लोगों के गुस्से का सामना कर रही है। जानकारों का कहना है कि इस बार ममता दीदी ने एक स्मार्ट दांव खेला है। इस बीच भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा है।

ममता द्वारा आयोजकों को और अधिक वित्तीय सहायता देने की घोषणा आम लोगों की आंखों में धूल झोंकने जैसा है। उन्होंने कहा, 'वह अपने नेताओं पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों से लोगों का ध्यान हटाना चाहती हैं। लेकिन ऐसा नहीं होगा। आने वाले चुनाव में जनता जवाब देगी।' 1 सितंबर से उत्सव शुरू करने की ममता की घोषणा को भ्रष्टाचार के मुद्दे से ध्यान हटाने की कोशिश के रूप में भी देखा जा रहा है।

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