West Bengal Violence: सुबह से शाम तक बंगाल में हिंसक तांडव, भारी खून-खराबे में 20 लोगों की मौत, अब भी दहशत कायम

West Bengal Panchayat Election Violence: बंगाल में कल पंचायत चुनाव के दौरान हिंसा का जबरदस्त तांडव दिखा। गोलीबारी, बमबाजी, मारपीट, बूथ कैप्चरिंग की खबरें दिनभर आती रहीं।

Update:2023-07-09 08:05 IST
West Bengal Violence Update (Social Media)

West Bengal Violence Update: पश्चिम बंगाल में शनिवार शाम को पंचायत चुनाव को लेकर वोटिंग संपन्न हुई। राज्य चुनाव आयोग के मुताबिक, 73887 ग्राम पंचायत सीटों में से 64874 पर शाम पांच बचे तके 66.28 प्रतिशत मतदान हुआ। बाकी के 9013 सीटों पर उम्मीदवारों को निर्विरोध चुन लिया गया था। जिनमें सबसे अधिक संख्या 8874 सत्तारूढ़ तृणमुल उम्मीदवारों की है। बंगाल में कल पंचायत चुनाव के दौरान हिंसा का जबरदस्त तांडव दिखा। गोलीबारी, बमबाजी, मारपीट, बूथ कैप्चरिंग की खबरें दिनभर आती रहीं।

पूरे बंगाल में मतदान को लेकर सुबह से ही लोगों में भारी उत्साह नजर आ रहा था। बारिश के बावजूद सभी वर्ग के लोग मतदान केंद्रों के बाहर कतार लगाकर खड़े थे। जबकि कुछ जगहों से हिंसा और लूटपाट की खबरें आ रही थीं। कई मतदान केंद्रों पर स्थानीय लोगों ने वोटिंग का बहिष्कार कर दिया। उनका आरोप था कि टीएमसी ने रात में ही मतपेटियों को भर दिया। चुनाव के दौरन व्यापक रूप से हुई हिंसा ने ममता सरकार में लॉ एंड ऑर्डर की क्या स्थिति है, इसे पूरे देश के सामने ला दिया।

20 राजनीतिक कार्यकर्ताओं की मौत

राजनीतिक हिंसा के लिए कुख्यात पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के दौरान अक्सर भारी खून-खराबा देखा गया है। इस बार भी ऐसा ही माहौल देखने को मिला। शुक्रवार से ही हिंसा का दौर शुरू हो गया था। शनिवार शाम यानी मतदान खत्म होने तक 20 लाशें गिर चुकी थीं। इनमें सभी पक्ष और विपक्ष के कार्यकर्ता शामिल हैं। बड़ी संख्या में लोग जख्मी भी हुए हैं, जिनका उपचार अस्पताल में चल रहा है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस हिंसा में सबसे अधिक सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस के 10, बीजेपी के 3 और लेफ्ट-कांग्रेस-आईएसएफ गठबंधन के 5 कार्यकर्ता मारे गए। सबसे अधिक हिंसा मुर्शिदाबाद, कूचबिहार, पूर्वी वर्दमान, साउथ 24 परगना और मालदा में हुई। शनिवार को दिनभर मेन स्ट्रीम मीडिया और सोशल मीडिया पर बंगाल पंचायत के दौरान घट रही घटनाओं के वीडियो वायरल होते रहे हैं। ऐसा लगा रहा था मानों बंगाल में कंप्लीट लॉ एंड ऑर्डर ब्रेक हो चुका है।

गृह मंत्रालय ने मांगी राज्य सरकार से रिपोर्ट

इतिहास को देखते हुए पश्चिम बंगाल में शुरू से ही पंचायत चुनाव के दौरान हिंसा की आशंका जताई जा रही थी। इसलिए विपक्षी दलों ने राज्य में केंद्रीय बलों की तैनाती की मांग पर काफी दिया था। जिसे हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने भी माना। हालांकि, ममता सरकार कतई इसके पक्ष में नहीं थी। 1.35 लाख केंद्रीय बलों की तैनाती के बावजूद राज्य में व्यापक हिंसा देखी गई। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस पर चिंता जताते हुए बंगाल सरकार से रिपोर्ट मांगी है। गृह मंत्री अमित शाह ने प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष सुकांत मजूमदार से फोन पर बात की और बीजेपी कार्यकर्ताओं के बारे में जानकारी ली।

विपक्ष के निशाने पर आई ममता सरकार

केंद्र में मोदी सरकार के खिलाफ विपक्षी एकता की कवायद का सबसे अहम चेहरों में मानी जाने वाली सीएम ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल में विपक्ष के निशाने पर रहती हैं। पंचायत चुनाव में व्यापक पैमारे पर हुई हिंसा और बूथ कैप्चरिंग जैसी घटनाओं को लेकर बीजेपी और लेफ्ट-कांग्रेस-आईएसएफ गठबंधन ने ममता सरकार पर जोरदार हमला बोला है। नेता प्रतिपक्ष और सीनियर बीजेपी लीडर शुभेंदु अधिकारी ने तो केंद्र से मांग करते हुए कहा कि राज्य में या तो अनुच्छेद 355 लगा दिया जाए या 356 लगाकर राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया जाए।
लोकसभा में कांग्रेस के नेता और बंगाल ईकाई के प्रमुख अधीर रंजन चौधरी ने सत्तारूढ़ टीएमसी पर बरसते हुए कहा कि उन्होंने आतंक की बारिश शुरू कर दी है। यह पंचायत चुनावों का मजाक है। असल में यह एक चुनावी लूट-खसोट का उदाहरण है। चौधरी में चुनाव के दौरान हुई हिंसा में 26 लोगों के मरने का दावा किया है। उन्होंने कहा कि सैंकड़ों लोग जख्मी हुए हैं, जिनका उपचार अस्पताल में चल रहा है।
वहीं, सत्ताधारी तृणमुल कांग्रेस ने इन आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि चुनाव के दौरान हिंसा बीजेपी और अन्य विपक्षी पार्टियों द्वारा की गई।

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