Bengal Panchayat Polls 2023: पंचायत चुनाव में अल्पसंख्यकों पर डोरे डाल रही BJP, 650 सीटों पर उतारे मुस्लिम उम्मीदवार
Bengal Panchayat Polls 2023: पंचायत चुनाव में बंगाल बीजेपी मुस्लिमों को लुभाने में जुटी है। भारतीय जनता पार्टी ने इलेक्शन में 650 सीटों पर मुस्लिम कैंडिडेट्स को उतारा है। भाजपा को बेहतर चुनाव परिणाम की उम्मीद है।
Bengal Panchayat Polls 2023: पश्चिम बंगाल की कुल आबादी का करीब 30 प्रतिशत हिस्सा मुसलमान हैं। बंगाल में ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस (TMC) सरकार को मुस्लिम मतदाताओं का खुला समर्थन प्राप्त है। लोकसभा चुनाव हो या विधानसभा इलेक्शन या फिर पंचायत चुनाव। तृणमूल कांग्रेस की चुनावी जीत में मुस्लिम वोटर्स का समर्थन अहम रहा है। इस बात से बंगाल की तमाम विपक्षी पार्टियां भी वाकिफ है। अब भारतीय जनता पार्टी (BJP) भी मुस्लिमों को लुभाने की तैयारी में जुट गई है। यूं कहें तो टीएमसी के वोट बैंक में सेंध लगाने की कोशिशें तेज कर दी है।
TV9 समूह की खबर के अनुसार, बीजेपी ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में 650 अल्पसंख्यक उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है। भाजपा शिविर का दावा है ये संख्या और अधिक होती, लेकिन तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) के डर की वजह से ऐसा नहीं हुआ। कई लोग चाहकर भी पंचायत चुनाव में खड़े नहीं हो सके।
बीजेपी कैंडिडेट में युवा-महिला अधिक
बीजेपी ने जिन उम्मीदवारों को चुनावी समर में उतारा है उनमें युवाओं और महिलाओं की संख्या अधिक है। इससे पश्चिम बंगाल के बीजेपी नेता भी खुश हैं। बीजेपी के अल्पसंख्यक मोर्चा (Minority Front of BJP) के अध्यक्ष चार्ल्स नंदी (Charles Nandi) ने कहा, 'अल्पसंख्यकों ने भाजपा से मुंह नहीं मोड़ा। यह हमारे लिए बहुत बड़ी उम्मीद है। लोकसभा चुनाव 2024 में यह संख्या और बढ़ेगी।' नंदी ने दावा किया कि अल्पसंख्यकों के मन से बीजेपी या उससे जुड़ा डर खत्म हो चुका है। वह साफ कहते हैं, अल्पसंख्यकों को ज्यादा दिनों तक गुमराह नहीं किया जा सकता।'
मुर्शिदाबाद-बीरभूम में सबसे ज्यादा मुस्लिम कैंडिडेट
बीजेपी से सूत्रों के अनुसार, मुर्शिदाबाद (Murshidabad Violence) जिले में बीजेपी के अल्पसंख्यक प्रत्याशी सबसे ज्यादा हैं। बीरभूम (Birbhum Violence) भी पीछे नहीं है। संयोग से कुछ दिन पहले ही बीजेपी के नेताओं को समाज के अल्पसंख्यक वर्ग के बीच जाने और जनसंपर्क का निर्देश दिया गया है। बीजेपी ने जब कदम बढ़ाया तो कई अल्पसंख्यक कार्यकर्ताओं को राज्य के विभिन्न हिस्सों में TMC से नाता तोड़ते देखा गया।'
'अल्पसंख्यक गलतफहमी छोड़कर बीजेपी के पास आ रहे'
बीजेपी नेता शमिक भट्टाचार्य (BJP leader Shamik Bhattacharya) बताते हैं, 'हमारा संगठन बढ़ रहा है। इस बार अल्पसंख्यक गलतफहमी छोड़कर बीजेपी के पास आ रहे हैं।' शमिक कहते हैं, 'वोट की खातिर अन्य पार्टियां उनका (अल्पसंख्यक समुदाय) इस्तेमाल करती है। मगर, बीजेपी का लक्ष्य अल्पसंख्यकों का विकास करना है। वहीं, बीजेपी ने पंचायत चुनाव में 64 प्रतिशत सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं। 5 साल पहले 2018 के पंचायत चुनाव में ये करीब 46 फीसद था।' बीजेपी की इन प्रयासों पर सबकी नजर है।
मिथुन चक्रवर्ती भी कर चुके हैं जोड़ने की वकालत
फिल्म एक्टर और नेता मिथुन चक्रवर्ती जब पश्चिम बंगाल आए थे तब उन्होंने कहा था कि 'बीजेपी कभी भी मुस्लिमों की विरोधी नहीं रही है। मैं ये बात मुस्लिम भाइयों और बहनों तक पहुंचाना चाहता हूं। इसके लिए उन्होंने गुजरात और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों का उदाहरण दिया। इन राज्यों में बीजेपी की जीत का मुद्दा भी उठाया था। मिथुन ने दावा किया कि बीजेपी इतनी सीटें इसलिए जीत पाई क्योंकि मुसलमानों ने वोट दिया।'