West Bengal: ममता के लिए मुसीबत बने अपनी ही पार्टी के नेता, मंडल की गिरफ्तारी पर भाजपा का तीखा हमला

Teacher Recruitment Scam: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की मुखिया ममता बनर्जी के लिए अपनी ही पार्टी के नेता मुसीबत बनते जा रहे हैं। शिक्षक भर्ती घोटाले में पार्थ चटर्जी की गिरफ्तारी के बाद बीरभूम जिले के टीएमसी नेता अनुब्रत मंडल की गिरफ्तारी से ममता को बड़ा झटका लगा है।

Report :  Anshuman Tiwari
Update: 2022-08-12 08:39 GMT

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (फोटों न्यूज नेटवर्क)

Teacher Recruitment Scam West Bengal: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की मुखिया ममता बनर्जी के लिए अपनी ही पार्टी के नेता मुसीबत बनते जा रहे हैं। शिक्षक भर्ती घोटाले में पार्थ चटर्जी की गिरफ्तारी के बाद बीरभूम जिले के टीएमसी नेता अनुब्रत मंडल की गिरफ्तारी से ममता को बड़ा झटका लगा है। मंडल को सीबीआई ने पशु तस्करी के मामले में गिरफ्तार किया है। टीएमसी के दूसरे कद्दावर नेता की इस गिरफ्तारी के बाद ममता बैकफुट पर दिख रही हैं।

इस गिरफ्तारी के बाद टीएमसी नेताओं की ओर से भ्रष्टाचार को बर्दाश्त न करने की बात कही जा रही है। हालांकि इसके साथ ही पार्टी ने टीएमसी नेताओं के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई पर चिंता भी जताई है। उधर भाजपा ने ममता के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा है कि पार्थ चटर्जी के बाद मंडल की गिरफ्तारी से साफ हो गया है कि टीएमसी के नेता पूरी तरह भ्रष्टाचार में डूबे हुए हैं। 

ममता के काफी करीबी हैं मंडल 

सीबीआई ने ममता के करीबी और बीरभूम में टीएमसी के जिलाध्यक्ष मंडल को गुरुवार को गिरफ्तार किया था। सीबीआई ने मंडल को दो बार समन भेजा था मगर वे दोनों बार पेश नहीं हुए और इसके बाद आखिरकार सीबीआई ने मंडल को उनके आवास से गिरफ्तार कर लिया। मंडल को टीएमसी का कद्दावर नेता माना जाता रहा है और वे बीरभूम में तृणमूल कांग्रेस के फाउंडर सदस्यों में गिने जाते हैं। वे वेस्ट बंगाल रूरल डेवलपमेंट अथॉरिटी के चेयरमैन भी हैं। उन्हें ममता का काफी करीबी माना जाता है।

इसी कारण उनकी गिरफ्तारी से ममता को बड़ा झटका लगा है। मंडल से पहले गिरफ्तार किए गए पार्थ चटर्जी को भी ममता का करीबी माना जाता रहा है। ईडी ने पार्थ चटर्जी की गिरफ्तारी के बाद उनकी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी के घर से 50 करोड़ कैश, कई किलो सोना और संपत्ति के अन्य दस्तावेज बरामद किए थे। बाद में ममता ने पार्थ को मंत्री पद से हटाने के साथ ही पार्टी से निलंबित कर दिया था। इन गिरफ्तारियों के बाद ममता बैकफुट पर दिख रही हैं और टीएमसी की ओर से सफाई पेश की जा रही है।

सफाई देने में जुटे टीएमसी नेता

टीएमसी सांसद शांतनु सेन का कहना है कि पार्टी भ्रष्टाचार के मुद्दे पर कोई समझौता नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि पार्टी की सारी चीजों पर नजर है और इस बाबत उचित समय पर फैसला लिया जाएगा। पार्टी के एक और सांसद बिस्वजीत देब का कहना है कि पार्टी को भ्रष्टाचार स्वीकार नहीं है और इस मामले में कानून अपना काम करेगा। हालांकि टीएमसी की सांसद माला साह ने आरोप लगाया है कि केंद्रीय एजेंसियों को टीएमसी नेताओं के पीछे लगा दिया गया है। उन्होंने केंद्रीय एजेंसियों के इस रवैए पर चिंता जताई है।

भाजपा ने खोला ममता के खिलाफ मोर्चा

दूसरी ओर भाजपा ममता बनर्जी को घेरने में जुटी हुई है। पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने ममता पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि उनकी पार्टी के नेता भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे हुए हैं। पहले गिरफ्तार किए गए चटर्जी और अब गिरफ्तार हुए मंडल, दोनों ममता के करीबी हैं और उनका भ्रष्टाचार उजागर हो चुका है।

उन्होंने कहा कि मंडल की गिरफ्तारी पर ममता को अपना रुख साफ करना चाहिए। भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने भी इस मुद्दे को लेकर ममता पर हमला बोला है। सियासी जानकारों का मानना है कि टीएमसी के नेता ममता की मुसीबत बनते जा रहे हैं और पार्टी नेताओं के भ्रष्टाचार ने उन्हें बैकफुट पर ढकेल दिया है। 

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