पश्चिम बंगाल को आज मिल जाएंगे नए राज्यपाल, जगदीप धनखड़ लेंगे शपथ

कोलकाता के जगदीप धनखड़ पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के रूप में राजभवन में आज 12:30 बजे शपथ लेंगे। नए राज्यपाल को कलकत्ता उच्चन्यायालय के मुख्य न्यायाधीश टीबीएन राधाकृष्णन शपथ दिलाएंगे। शपथ ग्रहण समारोह में सीएम ममता बनर्जी तथा अन्य विशिष्ट अतिथि उपस्थित रहेंगे।

Update:2019-07-30 10:03 IST

कोलकाता : कोलकाता के जगदीप धनखड़ पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के रूप में राजभवन में आज 12:30 बजे शपथ लेंगे। नए राज्यपाल को कलकत्ता उच्चन्यायालय के मुख्य न्यायाधीश टीबीएन राधाकृष्णन शपथ दिलाएंगे। शपथ ग्रहण समारोह में सीएम ममता बनर्जी तथा अन्य विशिष्ट अतिथि उपस्थित रहेंगे। ध्यान दे तो 20 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता जगदीप धनखड़ के नाम की घोषणा हुई थी। धनखड़ राज्य के 28वें राज्यपाल होंगे।

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जगदीप धनखड़ कोलकाता पहुंचे

धनखड़ सोमवार को कोलकाता पहुंचे। नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उनके स्वागत के लिए राज्य के कई मंत्रियों के साथ मुख्य सचिव मलय दे और पुलिस महानिदेशक वीरेंद्र उपस्थित थे। धनखड़ को राज्य सरकार की ओर से गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।उसके बाद में राज्यपाल नामित जगदीप धनखड़ अपनी धर्मपत्नी सुदेश धनखड़ के साथ सुबह 10.55 बजे राजभवन पहुंचे। राज्यपाल के एसीएस सतीश चंद्र तिवारी, एसएसजी डीके गौतम, प्रेस सचिव मानव बंद्योपाध्याय, विशेष सचिव कुमारजीव चक्रवर्ती, ओएसडी सुजय सिकदर, एसजीइ सुबीर चक्रवर्ती, डॉ मानस सांतरा व डॉ सुचंद्रा मुखर्जी ने उनकी अगवानी की। इस अवसर पर कोलकाता पुलिस की ओर से धनखड़ को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इसके बाद धनखड़ ने राजभवन के अधिकारियों व स्टाफ से मुलाकात की।

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1977 वकालत करनी शुरू कर दी थी

धनखड़ ने 1977 से राजस्थान उच्च न्यायालय में वकालत करनी शुरू कर दी थी। 1986 में मात्र 35 वर्ष की उम्र में ही धनखड़ राजस्थान उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन के अध्यक्ष बने। वे बार कौंसिल के भी सदस्य रहे हैं। धनखड़ वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील हैं और इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन पेरिस के सदस्य हैं। जगदीप धनखड़ 9वीं लोकसभा के लिए झुंझुनूं संसदीय सीट से जनता दल उम्मीदवार के रूप में विजयी हुए थे। उसी दौरान कुछ समय के लिए वे वीपी सिंह की सरकार में संसदीय कार्य मंत्रालय में उपमंत्री बने। 1993 में वे अजमेर के किशनगढ़ विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट पर विधायक बने। 2003 में वसुंधरा राजे के प्रदेश अध्यक्ष बनने पर उन्होंने बीजेपी की सदस्यता ग्रहण कर ली।

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