I2U2: क्या है I2U2 जिसका भारत भी है एक सदस्य? जानिये कैसे इसमें साथ आये दो दुश्मन देश
बीते साल चार देशों के एक और संगठन की नींव पड़ी थी, जिसका नाम इंटरनेशनल फोरम फॉर इकोनॉमिक कोऑपरेशन रखा गया था। लेकिन बाद में इसे आईटूयूटू के नाम से जाना जाने लगा।
I2U2: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन (US President Joe Biden) ने जनवरी 2021 में सत्ता संभालने के बाद से कई बहुपक्षीय गुटों का ऐलान किया है। AUKUS (आस्ट्रेलिया, यूके, यूएस), 13 देशों के समूह वाला संगठन आईपीईएफ और पाकिस्तान, अफगानिस्तान और उज्बेकिस्तान के साथ क्वाड्रिलेटरल डायलॉग शामिल है। इनके अलावा बीते साल चार देशों के एक और संगठन की नींव पड़ी थी, जिसका नाम इंटरनेशनल फोरम फॉर इकोनॉमिक कोऑपरेशन (International Forum for Economic Cooperation) रखा गया था। लेकिन बाद में इसे आईटूयूटू (I2U2) के नाम से जाना जाने लगा। इस संगठन की पहली समिट आज यानी गुरूवार को संपन्न हुई।
ये देश शामिल
इस संगठन में भारत, अमेरिका, इजरायल और यूएई शामिल है। इस संगठन को पश्चिम एशिया का क्वॉड भी कहा जा रहा है, क्योंकि इसमें वेस्ट एशिया के दो महत्वूपूर्ण देश शामिल हैं। ये दोनों कभी एक दूसरे के कट्टर दुश्मन हुआ करते थे। दोनों के बीच किसी तरह का संबंध नहीं था लेकिन आज ये दोनों देश आईटूयूटू के जरिए एक टेबल शेयर कर रहे हैं, जो पहले मुमकिन नहीं था।
आईटूयूटू (I2U2) है क्या
अक्टूबर 2021 में चार देशों (भारत, अमेरिका, यूएई और इजरायल) के विदेश मंत्रियों की एक बैठक इजरायल में हुई थी। चारों देशों की पहल पर उस दौरान एक संगठन की नींव रखी गई थी, जिसका नाम था इंटरनेशनल फोरम फॉर इकोनॉमिक कोऑपरेशन (International Forum for Economic Cooperation)। बाद में इसका नाम बदलकर आईटूयूटू (I2U2) कर दिया गया। इस समूह में I2 इंडिया और इजरायल के लिए और U2 यूएस और यूएई के लिए है। उसी दौरान तय हुआ था कि 13-16 जुलाई के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन (US President Joe Biden) के मध्य – पूर्व देशों की यात्रा के दौरान इसकी पहली बैठक का आयोजन किया जाएगा।
गुरूवार को आईटूयूटू का पहला शिखर सम्मेलन संपन्न (I2U2 first summit concludes) हुआ, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और यूएई के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायद ने डिजिटल माध्यम से शिरकत की। वहीं इजरायल के पीएम यायिर लापिड और अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन ने यरूशलम से बैठक में हिस्सा लिया।
I2U2 को कहा जा रहा वेस्ट एशिया का क्वॉड
भारत में यूएई के राजदूत अहमद अलबाना (UAE Ambassador Ahmed Albana) ने अक्टूबर 2021 में हुए इस संगठन की पहली बैठक के बाद इसे वेस्ट एशिया का क्वॉड बताया था। इसकी वजह बैठक में शामिल मुद्दे थे। उस दौरान भारत, अमेरिका, इजरायल और यूएई ने समुद्री सुरक्षा, बुनियादी ढांचा विकास, डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर और परिवहन से जुड़े अहम मुद्दों पर चर्चा की थी। इनमें से समुद्री सुरक्षा पर चर्चा चीन के खिलाफ माना गया था। दरअसल चीन दक्षिण चीन सागर के 90 प्रतिशत इलाके पर अपना दावा जताता रहा है। जिसका जापान, आस्ट्रेलिया और फिलिपींस जैसे अमेरिका के सहयोगी देश खारिज करते रहे हैं। दक्षिण चीन सागर में चीन की दादागिरी को चैलेंज करने के लिए क्वॉड का गठन किया गया है।
दो दुश्मन दोस्त एक साथ आए
आईटूयूटू (I2U2) में मध्य पूर्व के वो देश भी शामिल हैं, जिनकी दुश्मनी ऐतिहासिक रही है। इस समूह में शामिल इजरायल और यूएई कभी एक दूसरे के कट्टर दुश्मन हुआ करते थे। लेकिन सितंबर 2020 में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सहयोग से ये दो दुश्मन देश सहयोगी बन गए। दोनों देशों ने ऐतिहासिक अब्राहम समझौते पर व्हाइट हाउस में साइन किया था। इसमें एक अन्य अरब मुस्लिम देश बहरीन भी शामिल था। तब से दोनों देशों के संबंध सामान्य हुए हैं। अब यूएई और इजरायल के बीच विमान सेवा भी है। इतना नहीं है इजरायल ने यूएई के साथ मुक्त व्यापार समझौता भी किया है। बताया जा रहा है कि दोनों देश क्षेत्र में ईरान के लगातार बढ़ते प्रभाव से चिंतित थे। दोनों के बीच सुलह की अहम वजह ईरान को ही माना जा रहा है। बता दें कि इजरायल के साथ यूएई और बहरीन के बीच हुए समझौते की मुस्लिम दुनिया में तीखी आलोचना हुई थी।