जानिए क्या है UAPA बिल 2019, कौन हो सकता है आतंकवादी घोषित
राज्यसभा में शुक्रवार को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) कानून (UAPA) संशोधन 2019 पास हो गया। विपक्ष ने इस बिल को लेकर आपत्तियां जताई, तो गृहमंत्री अमित शाह ने सिलसिलेवार तरीके से विपक्ष के सवालों का जवाब दिया।
नई दिल्ली: राज्यसभा में शुक्रवार को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) कानून (UAPA) संशोधन 2019 पास हो गया। विपक्ष ने इस बिल को लेकर आपत्तियां जताई, तो गृहमंत्री अमित शाह ने सिलसिलेवार तरीके से विपक्ष के सवालों का जवाब दिया।
क्या किए गए हैं संशोधन
-पहले सरकार किसी व्यक्ति को नहीं बल्कि संस्था को आतंकवादी घोषित करती थी। अब किसी व्यक्ति को भी आतंकी घोषित किया जा सकता है।
-पहले इस कानून के तहत केस की जांच डीएसपी या एसीपी स्तर के अधिकारी ही करते थे। अब इंस्पेक्टर लेवल के अधिकारी भी जांच कर पाएंगे।
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-पहले किसी आतंकवादी की प्रॉपर्टी जब्त करने के लिए राज्य के डीजी की अनुमति लेनी होती थी। अब एनआईए का अधिकारी अपने यानी एनआईए के डीजी की अनुमति लेकर आतंकवादी की प्रॉपर्टी जब्त करने की कार्रवाई कर सकता है।
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आतंकवादी घोषित किया जा सकता है- 1- जब कोई आतंकी गतिविधियों में भाग लेता है।
2- आतंकवाद के लिए तैयारी करने में मदद करता है।
3- आतंकवाद को बढ़ाने की कार्ययोजना बनाता है और
— BJP (@BJP4India) August 2, 2019
कौन हो सकता है आतंकवादी घोषित
गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए बताया कि किसे आतंकवादी घोषित किया जा सकता है।
-जब कोई आतंकी गतिविधियों में भाग लेता है।
-आतंकवाद के लिए तैयारी करने में मदद करता है।
-आतंकवाद को बढ़ाने की कार्ययोजना बनाता है।
-घोषित आतंकवादी संस्थाओं में मिला हुआ है।
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संपत्ति जब्त होगी
मौजूदा कानून के मुताबिक एक जांच अधिकारी को आंतकी से संबंधित संपत्ति को जब्त करने के लिए राज्य पुलिस के महानिदेशक का परमिशन लेने की आवश्यक्ता होती है जबकि अब नए बिल में प्रावधान हैं कि आतंकवादी गतिविधि पर संपत्ति जब्त करने से पहले एनआईए को अपने महानिदेशक से मंजूरी लेनी होगी।
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ये कर सकते हैं जांच
मौजूदा कानून के मुताबिक उप पुलिस अधीक्षक या सहायक पुलिस आयुक्त या इससे ऊपर रैंक के अधिकारी ही मामले की जांच कर सकते हैं जबकि नए बिल में प्रावधान है कि आतंकवाद के मामले में एनआईए का इंस्पेक्टर स्तर का अधिकारी भी जांच कर सकेगा। इसके अलावा आतंकी घोषित करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद कानून के बिंदुओ को भी जोड़ा जाएगा।