Wheat & Atta Prices: न हों परेशान, महंगाई से जल्द मिलेगी राहत ! FCI के इस कदम से 8 रुपए सस्ता हुआ गेहूं

Wheat & Atta Prices: गेहूं और आटे की बढ़ी कीमतों पर लगाम लगाने के लिए फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (FCI) द्वारा उठाए गए फैसले का असर अब धरातल पर दिखने लगा है।

Update:2023-03-17 01:14 IST
प्रतीकात्मक चित्र (Social Media)

Wheat & Atta Prices: गेहूं और आटे की बढ़ती कीमतों (Wheat Flour Prices Jump) से आम लोगों को राहत दिलाने की कवायद रंग दिखने लगी है। जी हां, गेहूं और आटे की बढ़ी कीमतों पर लगाम लगाने के लिए फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (FCI) द्वारा उठाए गए फैसले का असर अब धरातल पर दिखने लगा है। जिससे गेहूं की कीमत में गिरावट आई है। रिपोर्ट्स की मानें तो खुदरा बाजार में गेहूं की कीमत कम हुई है।

गौरतलब है कि, इस साल जनवरी में अचानक गेहूं और आटे की कीमत में जबरदस्त इजाफा देखने को मिला था। इससे खाने-पीने की चीजों के दाम बढ़ गए। चीजें महंगी हो गई थीं। ऐसे में फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (Food Corporation of India) ने ई- नीलामी के जरिए खुद बाजार में गेहूं बेचने का फैसला लिया।

33 लाख मीट्रिक टन से अधिक गेहूं की बिक्री

रिपोर्ट्स के अनुसार, भारतीय खाद्य निगम (FCI) ने अभी तक 33 लाख मीट्रिक टन से भी ज्यादा गेहूं की बिक्री की है। जिसके बाद रिटेल मार्केट में गेहूं की कीमतों में 6 से 8 रुपए प्रति किलोग्राम की कमी आई है। खास बात ये है कि, इस बात की पुष्टि खुद रोलर मिल फेडरेशन (Roller Mill Federation) के प्रेसिडेंट एस. प्रमोद कुमार ने की। उन्होंने बताया कि, FCI द्वारा गेहूं बेचने के बाद आटे की कीमत में गिरावट आई है। जिससे आटा 32 से 35 रुपए प्रति किलो हो गया है।

40-45 रुपए प्रति किलो हो गया था आटा

जनवरी में एकाएक बढ़ी कीमत से गेहूं के दाम में वृद्धि हो गई थी। जिससे स्वाभाविक तौर पर आटा भी महंगा हो गया था। 30 से 35 रुपए प्रति किलो बिकने वाला आटा अचानक 40 से 45 रुपए किलो हो गया था। इससे आम आदमी की थाली पर विपरीत असर पड़ा। देशवासियों में सरकार के प्रति नाराजगी भी देखने को मिली। ऐसे में महंगाई को लेकर केंद्र सरकार के ऊपर भी दबाव बढ़ने लगा। जिसके इसके बाद एफसीआई ने गेहूं की ई-नीलामी प्रक्रिया शुरू की। FCI का ये कदम अब रंग दिखाने लगा है।

गेंहूं की नई फसल पर केंद्र ने ये कहा

केंद्र सरकार की तरफ से बताया गया है कि, बढ़ती गर्मी का असर मौजूदा गेहूं की फसल पर पड़ने की कोई संभावना नहीं है। ऐसे में किसानों को चिंतित होने की जरूरत नहीं है। केंद्र का अनुमान है कि इस साल गेहूं का अच्छा उत्पादन देखने को मिल सकता है। केंद्रीय संस्थाओं का मानना है कि, इस साल 108 से 110 लाख मीट्रिक टन गेहूं का उत्पादन होने का अनुमान है। साथ ही गेहूं के दाम MSP से ऊपर ही रहेंगे।

यूपी में 1 अप्रैल से होगी गेहूं की खरीद

बता दें कि, गुरुवार को ही एक खबर सामने आई थी कि मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में 25 मार्च से गेहूं की खरीद शुरू हो जाएगी। इसके अलावा, पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों में 1 अप्रैल से गेहूं की खरीदी शुरू होगी।

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