बुंदेलखंड की इस बेटी ने लड़ी चुनावी बॉन्ड पर लंबी लड़ाई, आज हुई जीत, आखिर कौन है ये?
SC on Electoral Bond: इलेक्टोरल बॉन्ड मामले सुप्रीम कोर्ट में दायर तीन याचिकाओं में एक याचिका बुंदेलखंड की रहने वाली डॉ. जया ठाकुर ने भी दायर की थी। वह कांग्रेस से जुड़ी हैं और पेशे से डाक्टर हैं। जया ठाकुर सामाजिक और राजनीतिक मामले में काफी सक्रिय रहती हैं।
SC on Electoral Bond: लोकसभा चुनाव से ऐन वक्त पहले सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले देश की राजनीतिक पार्टी को बड़ा झटका दिया है। दरअसल, इलेक्टोरल बॉन्ड योजना की वैधता को चुनौती देने वाली दायर याचिकाओं पर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की है। इस सुनवाई में कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड योजना को असंवैधानिक करार दिया है और भविष्य में इसके माध्यम से चंदा लेने पर रोक लगा दी है। साथ ही, बांड को जारी करने वाली संस्था भारतीय स्टेट बैंक को 2019 से अब तक चुनावी बॉन्ड से जुड़ी पूरी जानकारी देने का आदेश भी दिया है। सरकार के खिलाफ इस फैसले से सबसे बड़ी जीत बुंदेलखंड की रहने वाली एक बेटी की हुई है, जिसने इलेक्टोरल बॉन्ड योजना की वैधता को चुनौती देने वाली दायर तीन याचिकाओं में से एक की थी। आइये आपको बता दें कि आखिर कौन है ये बुंदेलखंड की बेटी?
जानिए कौन हैं डॉ. जया ठाकुर?
इलेक्टोरल बॉन्ड मामले सुप्रीम कोर्ट में दायर तीन याचिकाओं में एक याचिका बुंदेलखंड की रहने वाली डॉ. जया ठाकुर ने भी दायर की थी। आज उनकी जीत हुई है। जया ठाकुर मध्य प्रदेश के सागर जिले की बंडा कस्बे की रहने वाली हैं। वह कांग्रेस से जुड़ी हैं और पेशे से डाक्टर हैं। जया ठाकुर सामाजिक और राजनीतिक मामले में काफी सक्रिय रहती हैं। साथ ही,बुंदेलखंड इलाके में महिला सशक्तिकरण के मुद्दों को पुरजोर तरीके से उठाती हैं।
वकील से की शादी
जया ठाकुर कांग्रेस से जुड़ी हैं और वो पेशे से एक डॉक्टर हैं। जया के पति वरुण ठाकुर सुप्रीम कोर्ट में वकील हैं। उन्होंने कई जनहित से जुड़े मामले शीर्ष अदालत में उठाएं हैं और कई मामलों में जीत दर्ज भी की है।
जया बोलीं, सुप्रीम अदालत ने भी माना होनी चाहिए पारर्दिशता
जया की स्कूली पढाई सागर संभागीय मुख्यालय से हुई है। उनके पास बीडीएस की डिग्री है। उनकी शादी दमोह में रहने वाले पेशे से सुप्रीम कोर्ट के वकील वरुण ठाकुर से हुई है। सुप्रीम कोर्ट का चुनावी बांड योजना पर फैसला आने से पहले जया ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि इस मामले में कार्यवाही चल रही है। अभी कोर्ट से कोई फैसला नहीं आया है। हालांकि आज जया के मन मुताबिक फैसला आने पर उन्होंने कहा कि इस बांड पर पारदर्शी होना चाहिए और उन्हें नाम बताना चाहिए और किसी पार्टी को कितनी राशि मिली है, यह बताना चाहिए, इस बात को सुप्रीम कोर्ट ने भी माना है।
जानें क्या है मामला?
मोदी सरकार ने राजनीतिक दलों को मिलने वाले चंदे के मामले में वित्त अधिनियम 2017 में संशोधन करके साल 2018 में इलेक्टोरल बांड योजना लागू की थी, लेकिन चुनावी बांड को आईटीआर से बाहर रखा था। यानी कोई भी व्यक्ति इस बात की जानकारी ITR दायर कर हासिल नहीं सकता कि किस पार्टी को किस व्यक्ति ने कितना चुनावी चंदा दिया है, लेकिन केंद्र सरकार ने इस योजना से पारर्दिशता आने का वादा किया था, मगर आईटीआर से बाहर रखा था। इसी पारर्दिशता के मामले पर राजनीतिक दल सीपीआई (एम), एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) और डॉ. जया ठाकुर ने सुप्रीम कोर्ट में अलग अलग याचिकाएं दायर की थी, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजीव खन्ना, बीआर गवई, जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा की पीठ ने गुरुवार को अपना फैसला सुनाया है और इन तीनों लोगों की जीत हुई है।