WHO: सिर्फ लॉकडाउन से नहीं चलेगा काम, इससे आगे बढ़कर भी उठाने होंगे कदम
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO)ने भारत के इस फैसले की तारीफ करते हुए कहा है कि भारत ने काफी जल्द ही देश में लॉकडाउन का जो फैसला किया है वह एक बहुत ही सराहनीय कदम है मगर इसके साथ डब्ल्यूएचओ ने यह भी कहा कि भारत को कुछ अन्य फैसले भी करने होंगे क्योंकि सिर्फ लॉकडाउन से ही कोरोना वायरस का खतरा टलने वाला नहीं है।
नई दिल्ली: कोरोना वायरस के कारण इस समय पूरी दुनिया भयंकर संकट के दौर से गुजर रही है। भारत ने इस संकट का सामना करने के लिए 21 दिन के देशव्यापी लॉकडाउन का कड़ा फैसला लिया है।
इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO)ने भारत के इस फैसले की तारीफ करते हुए कहा है कि भारत ने काफी जल्द ही देश में लॉकडाउन का जो फैसला किया है वह एक बहुत ही सराहनीय कदम है मगर इसके साथ डब्ल्यूएचओ ने यह भी कहा कि भारत को कुछ अन्य फैसले भी करने होंगे क्योंकि सिर्फ लॉकडाउन से ही कोरोना वायरस का खतरा टलने वाला नहीं है।
खतरा टालने के लिए और कदम उठाने जरूरी
डब्ल्यूएचओ के चेयरमैन डॉ ट्रेडोस, माइकल रेयान और डॉक्टर मारिया वैन ने कहा कि भारत को लाकडाउन के साथ ही कुछ और कदम भी उठाने होंगे ताकि कोरोना वायरस के खतरे को टाला जा सके। डब्ल्यूएचओ के चेयरमैन डॉक्टर ट्रेडोस ने कहा कि भारत के पास कोरोना को हराने की क्षमता है और यह बहुत ही अच्छी बात है कि उन्होंने काफी पहले ही खतरे को भांपते हुए देशव्यापी लॉकडाउन करने का कड़ा फैसला लिया है।
सावधानी जरूरी नहीं तो बढ़ जाएगा खतरा
उन्होंने कहा कि जिन देशों ने सही समय पर कड़े फैसले नहीं लिए और सावधानियां नहीं बरतीं, उन देशों को इसका बुरा खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। ऐसे में हर किसी के सामने यह चुनौती है कि वह सही समय पर सही कदम उठाए ताकि कोरोना के खतरे को टाला जा सके।
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रखनी होगी पीड़ितों पर निगरानी
डब्ल्यूएचओ से जुड़े रेयान ने कहा कि लॉकडाउन निश्चित रूप से एक अच्छा कदम है,लेकिन अब भारत को पीड़ितों की तलाश करनी होगी और इसके साथ ही पीड़ित के संपर्क में जो भी आया है, ऐसे लोगों पर निगरानी रखनी होगी। अगर भारत यह सब कदम उठाने में कामयाब रहा तो निश्चित रूप से देश में कोरोना को बढ़ने से रोका जा सकता है। उन्होंने कहा कि भारत ने जो कमाल पोलियो उन्मूलन में दिखाया है वैसा ही कमाल वह कोरोना मामले में भी पा सकता है।
अपनाना होगा चीन और सिंगापुर का मॉडल
लॉकडाउन के मुद्दे पर डॉक्टर मारिया वैन ने कहा कि ऐसा नहीं है कि आप एक निश्चित समय सीमा में लॉकडाउन लगाकर कोरोना पर काबू पा सकते हैं। उन्होंने कहा कि भारत को इससे भी आगे बढ़कर अपनी योजना में बदलाव लाना होगा और जहां पर केस ज्यादा हैं वहां पर ज्यादा सतर्कता बरतनी होगी।उन्होंने कहा कि चीन और सिंगापुर का मॉडल सबके सामने है और इस मॉडल को अपनाया जा सकता है क्योंकि वहां पर अलग-अलग क्षेत्र में कई तरह के फैसले लिए गए ताकि कोरोना वायरस को रोका जा सके।
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सोशल डिस्टेंसिंग का महत्व
दुनिया भर के जानकारों का कहना है कि कोरोना वायरस के खतरे को दूर करने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग बहुत जरूरी है। इसी कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत में 21 दिन के लॉकडाउन का ऐलान किया है। मोदी के इस एलान का देश को फायदा भी मिला है क्योंकि लॉकडाउन से कोरोना के मरीजों की संख्या उतनी तेजी से नहीं बढ़ पा रही है।