CAA-NRC पर उठ रहे इन सवालों के सरकार ने दिए जवाब, यहां पढ़ें पूरी डिटेल

नागरिकता कानून के खिलाफ देश के कई हिस्सों में हिंसक प्रदर्शन हो रहा है। इस कानून के खिलाफ जनता और विपक्षी पार्टियां सड़कों पर उतरी हुई हैं। राजधानी दिल्ली के बाद उत्तर प्रदेश के कुछ शहरों में भी प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया।

Update:2019-12-20 17:40 IST

नई दिल्ली: नागरिकता कानून के खिलाफ देश के कई हिस्सों में हिंसक प्रदर्शन हो रहा है। इस कानून के खिलाफ जनता और विपक्षी पार्टियां सड़कों पर उतरी हुई हैं। राजधानी दिल्ली के बाद उत्तर प्रदेश के कुछ शहरों में भी प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया। विपक्ष का आरोप है कि केंद्र सरकार का ये कानून संविधान का उल्लंघन करता है और भारत की मूल भावना के खिलाफ है।

हिंसक प्रदर्शन और विरोध के बीच मोदी सरकार ने इस कानून के बारे में लोगों को जानकारी दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह समेत सरकार ये आरोप लगा रही है कि विपक्ष इस कानून को लेकर आम जनता में अफवाह फैला रहा है और इसे अल्पसंख्यकों के खिलाफ बता रहा है।

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जो सवाल लगातार खड़े हो रहे हैं, अब सरकार ने उन सवालों के जवाब दिए हैं। केंद्र सरकार की ओर से कुल 13 सवालों के जवाब दिया है, जो आम लोगों को नागरिकता संशोधन कानून के बारे में पुख्ता जानकारी देते हैं। इन सवालों के अलावा मोदी सरकार की ओर से सभी अखबारों में कानून से जुड़ी जानकारी का विज्ञापन दिया है।

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इन सवालों में नागरिकता संशोधन एक्ट और एनआरसी में अंतर, इस कानून का देश के लोगों पर क्या असर होगा, क्या इससे मुस्लिमों को डरने की जरूरत है, NRC में नागरिकता साबित करने के लिए किन डॉक्यूमेंट की जरूरत होगी। इन सबका जवाब दिया गया है।

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बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा लाए गए इस कानून के तहत अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से आने वाले हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, ईसाई और पारसी समुदाय के शरणार्थियों को भारत की नागरिकता मिलेगी। इसके अलावा नागरिकता मिलने के लिए जो समयसीमा 11 साल की थी, उसे घटाकर 6 साल हो गई है।

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