Waqf Board : 'मजाक बनकर रह गई कार्यवाही', क्या अब वक्फ बोर्ड संसदीय समिति का बढ़ेगा कार्यकाल?

Waqf Board : वक्फ (संशोधन) विधेयक की जांच कर रही संसदीय समिति के विपक्षी सदस्यों ने समिति की बैठक से वॉक ऑउट कर दिया और आरोप लगाया कि कार्यवाही 'मजाक' बनकर रह गई है।

Newstrack :  Network
Update:2024-11-27 20:14 IST

Waqf Board : वक्फ (संशोधन) विधेयक की जांच कर रही संसदीय समिति के विपक्षी सदस्यों ने समिति की बैठक से वॉक ऑउट कर दिया और आरोप लगाया कि कार्यवाही 'मजाक' बनकर रह गई है। हालांकि इसके बाद घंटे बाद ही विपक्षी सदस्य तब बैठक में शामिल हो गए, जब उन्हें पता चला कि संयुक्त समिति का कार्यकाल आगे बढ़ाये जाने की मांग की जाएगी। 

संसद की संयुक्त समिति की सदस्य और बीजेपी सांसद अपराजित सारंगी ने कहा कि समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल लोकसभा अध्यक्ष से अनुरोध करेंगे कि रिपोर्ट प्रस्तुत करने की समय सीमा को बजट सत्र- 2025 के अंतिम दिन तक बढ़ा दें। हालांकि बैठक के बाद बीजेपी सांसद और वक्फ संयुक्त संसदीय समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने कहा कि हमें अभी भी छह राज्यों के अन्य हितधारकों और राज्यों की बात सुननी है, जहां वक्फ और राज्य सरकारों के बीच विवाद हैं। उन्होंने कहा कि 123 संपत्तियों को लेकर भारत सरकार, शहरी मंत्रालय और वक्फ बोर्ड के बीच भी विवाद है। इस पर भी चर्चा की जानी है। हमें लगता है कि समिति के कार्यकाल को बढ़ाए जाने की जरूरत है।

दरअसल, समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल की कथित घोषणा, विधेयक पर समिति की मसौदा रिपोर्ट 29 नवंबर को लोकसभा में पेश की जाएगी। इसे लेकर विपक्षी सदस्यों ने विरोध किया और बैठक से वॉकआउट कर गए। हालांकि समिति के अध्यक्ष द्वारा इसके कार्यकाल में विस्तार की मांग करने के संकेत के बाद सभी सदस्य बैठक में भाग लेने के लिए वापस आ गए।

समिति के अध्यक्ष पर लगाया आरोप

कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई, डीएमके के ए राजा, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह और टीएमसी के कल्याण बनर्जी ने समिति की कार्यवाही पर सवाल उठाते हुए बैठक से बाहर निकल आए। उन्होंने वक्फ बिल पर व्यापक चर्चा के लिए विस्तार की मांग की है। गौरव गोगोई ने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने पहले ही संकेत दिया था कि समिति को विस्तार दिया जा सकता है। हालांकि, उन्होंने आरोप लगाया कि अध्यक्ष पर 29 नवंबर की समयसीमा तक कार्यवाही को आगे बढ़ाने के लिए एक वरिष्ठ सरकारी मंत्री का दबाव है।

टीएमसी नेता कल्याण बनर्जी ने भी अपनी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि समिति के अध्यक्ष, विपक्षी सदस्यों से वार्ता करने और प्रमुख पक्षों को आमंत्रित करने में विफल रहे हैं। उन्होंने पूरी कार्यवाही 'मजाक' बताया है। वहीं, वाईएसआर कांग्रेस के सांसद विजय साई रेड्डी ने कहा कि अभी तक कई राज्यों और हितधारकों का पक्ष सुना ही नहीं गया है, समिति की रिपोर्ट के लिए निर्धारित समय सीमा तक कार्य पूरा किया जाना असंभव है।

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