जस्टिस गोगोई पर यौन शोषण का आरोप लगाने वाली महिला के साथ हुई ये कार्रवाई
सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई पर यौन शोषण का आरोप लगाने वाली महिला कर्मचारी को बहाल कर लिया है। कोर्ट के शीर्ष अधिकारियों ने एक अंग्रेजी...
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई पर यौन शोषण का आरोप लगाने वाली महिला कर्मचारी को बहाल कर लिया है। कोर्ट के शीर्ष अधिकारियों ने एक अंग्रेजी अखबार को बताया कि महिला ने दोबारा ड्यूटी जॉइन कर ली है। उसके सभी एरियर की क्लियर कर दिए गए हैं।
पिछले साल जस्टिस गोगोई पर लगे आरोपों की जांच के लिए समिति गठित की गई थी, जिसने सभी आरोपों को बेबुनियाद करार दिया। महिला कर्मचारी ने 2014 से सुप्रीम कोर्ट में नौकरी शुरू की थी।
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वह 2018 में सीजेआई के आवास पर बतौर जूनियर कोर्ट असिस्टेंट तैनात थी। इसके बाद उसने पूर्व चीफ जस्टिस पर यौन शोषण का आरोप लगाया था। महिला ने दावा किया था कि बाद में उसका ट्रांसफर कर दिया गया और फिर नौकरी से निकाल दिया गया।
आरोपों का कोई आधार नहीं: जांच समिति
जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस इंदु मल्होत्रा, जस्टिस इंदिरा बनर्जी और आतंरिक समिति ने महिला कर्मचारी की शिकायत पर 4 दिन में जांच पूरी की थी। महिला कर्मचारी भी 3 दिन तक समिति के सामने पेश हुई, लेकिन बाद में उसने जांच में शामिल होने से इनकार कर दिया था।
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महिला ने कहा था कि मुझे समिति से इंसाफ की उम्मीद नहीं है। सुप्रीम कोर्ट की समिति ने कहा था कि महिला कर्मचारी के आरोपों का कोई आधार नहीं है।
नौकरी दिलाने के नाम पर पैसे लेने के आरोप भी थे
महिला ने यह भी आरोप लगाया था कि उसके पति और देवर को दिल्ली पुलिस की नौकरी से निकलवा दिया गया। हालांकि, जून में दोनों को बहाल कर लिया गया था। मार्च 2019 में महिला के खिलाफ धोखाधड़ी और आपराधिक मामला दर्ज हुआ। उस पर आरोप थे कि उसने सुप्रीम कोर्ट में नौकरी दिलाने के नाम पर एक व्यक्ति से पैसे लिए थे।