Brij Bhushan Sharan Singh: आखिर क्यों पहलवानों और बृजभूषण के अखाड़े में नहीं उतरी भाजपा, संकट में डाल रहा ट्विटर ट्रेंड

Brij Bhushan Sharan Singh: भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के मामले में पार्टी काफी फूंक-फूंक कर कदम रख रही है।

Report :  Anshuman Tiwari
Update:2023-01-22 14:07 IST

Brij Bhushan Singh (Pic: Social Media)

Brij Bhushan Sharan Singh: भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के मामले में पार्टी काफी फूंक-फूंक कर कदम रख रही है। जंतर मंतर पर सिंह के खिलाफ पहलवानों का धरना खत्म हो चुका है मगर तीन दिनों तक चले धरने के दौरान पार्टी ने खुलकर इस मामले में अपने सांसद का बचाव नहीं किया। खेल मंत्रालय की ओर से जांच के लिए एक समिति बनाने के ऐलान के बाद पहलवानों ने अपना धरना खत्म किया है। भारतीय ओलंपिक संघ की ओर से भी पहलवानों के आरोपों की जांच के लिए कमेटी का गठन किया गया है।

इस पूरे मामले की गूंज सोशल मीडिया पर भी जमकर सुनी जा रही है। बृजभूषण शरण सिंह के विरोध में पोस्ट डालने वाले सक्रिय हैं तो उनके समर्थन में भी जमकर बैटिंग की जा रही है। ट्विटर पर बृजभूषण सिंह के समर्थन में कई लोग अपनी राय रख रहे हैं और बृजभूषण नहीं तो भाजपा नहीं ट्विटर पर ट्रेंड कर रहा है। इस ट्विटर ट्रेंड ने भाजपा की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं।

भाजपा को सता रहा इस बात का डर 

दरअसल बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर पहलवानों का धरना शुरू होने के बाद ही भाजपा का स्टैंड काफी सावधानी भरा रहा है। इसी कारण सरकार ने भी इस मामले में कमेटी का गठन करके संकट को टालने की कोशिश की है। पार्टी को इस बात का डर सताता रहा है कि बृजभूषण सिंह के खिलाफ सीधी कार्रवाई से एक जाति विशेष के लोगों में नाराजगी पैदा हो सकती है। चुनावी माहौल में पार्टी यह खतरा मोल लेने से बचती रही है।

दूसरी तरफ बृजभूषण सिंह के खिलाफ कार्रवाई न होने पर हरियाणा का सियासी समीकरण गड़बड़ होने का खतरा भी पैदा हो गया है। हरियाणा की खाप पंचायतें और जाट समुदाय के लोग खुलकर पहलवानों के पक्ष में खड़े हैं। खाप पंचायतों की ओर से तो इस मामले में आर-पार की लड़ाई लड़ने का साफ तौर पर ऐलान कर दिया गया है। हरियाणा के अलावा यूपी की खाप पंचायतों की सहानुभूति भी पहलवानों के साथ दिख रही है। फोगाट खाप के अध्यक्ष बलवंत नंबरदार का साफ तौर पर कहना है कि देश का नाम रोशन करने वाले खिलाड़ियों के साथ इस तरह की हरकत किया जाना शर्मनाक है।

पार्टी ने बनाए रखी मामले से दूरी

सियासी जानकारों का मानना है कि सियासी समीकरण को बनाए रखने के लिए भाजपा ने खुलकर अपने सांसद का बचाव करने से परहेज किया है। पार्टी के किसी बड़े नेता की ओर से खुलकर बृजभूषण सिंह के पक्ष में कोई बयान नहीं जारी किया गया। इस पूरे मामले को खेल मंत्री अनुराग ठाकुर अपने स्तर पर देखते रहे और लंबी बातचीत के बाद वे खिलाड़ियों का धरना खत्म कराने में कामयाब रहे।

पहलवानों से बातचीत के दौरान उन्होंने उनके पक्ष को काफी गंभीरता से सुना और कहा कि सरकार इस मामले की जांच पड़ताल को लेकर गंभीर है। यही कारण है कि मामले की जांच पूरी होने तक न केवल बृजभूषण बल्कि अन्य पदाधिकारियों को भी कुश्ती संघ के कार्य से विरत कर दिया गया है।

सांसद के खिलाफ नहीं लिया कोई एक्शन

भारतीय जनता पार्टी की ओर से अभी तक इस मामले में बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया गया है। भाजपा सांसद का कहना है कि अभी तक पार्टी नेतृत्व की ओर से इस मामले में उनसे कोई स्पष्टीकरण नहीं मांगा गया है। इस मुद्दे को लेकर पार्टी में किसी ने अभी तक उनसे संपर्क नहीं साधा है। उन्होंने कहा कि मुझ पर लगाए गए आरोपों का मुझे खुद अकेले सामना करना पड़ रहा है। वैसे उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले में मेरी पार्टी को सामने आने की जरूरत नहीं है। जब मैंने कोई कुछ भी गलत नहीं किया है तो मुझे डरने की कोई जरूरत नहीं है।

ट्विटर ट्रेंड ने बढ़ाई भाजपा की मुश्किलें

वैसे इस पूरे मामले में एक बड़ा वर्ग बृजभूषण शरण सिंह के साथ भी खड़ा है। बृजभूषण का समर्थन करने वाले लोग इस मामले को लेकर भाजपा के रवैए से खुश नहीं है। इसी कारण ट्विटर पर ट्रेंड करने लगा बृजभूषण नहीं तो भाजपा नहीं। ट्विटर पर यह ट्रेंड भाजपा का संकट बढ़ाने वाला है और इसे एक बड़े वर्ग की नाराजगी के तौर पर देखा जा रहा है। वैसे हर किसी को इस मामले में जांच कमेटी की रिपोर्ट का इंतजार है। इस रिपोर्ट के आधार पर ही आगे की कार्रवाई तय होगी और उस समय बृजभूषण समर्थकों और विरोधियों की यह जंग और तेज हो सकती है।

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