चंद्रयान-2 पर बुरी खबर: अंधेरे के साथ डूब जाएगा हमारा विक्रम लैंडर
अभी हाल में ही खबर मिली थी कि नासा के जरिए लैंडर विक्रम से संपर्क साधन की कोशिश की जा रही है। लेकिन अब ये कोशिश शायद अंधेरे के साथ डूब जाएगी। दरअसल, चांद के दक्षिणी ध्रुव पर काली अंधेरी रात होने वाली है, जिसके चलते लैंडर विक्रम से संपर्क करने के लिए की जा रही कोशिशें भी अंधेरे में जा सकती है।
नई दिल्ली: अभी हाल में ही खबर मिली थी कि नासा के जरिए लैंडर विक्रम से संपर्क साधन की कोशिश की जा रही है। लेकिन अब ये कोशिश शायद अंधेरे के साथ डूब जाएगी। दरअसल, चांद के दक्षिणी ध्रुव पर काली अंधेरी रात होने वाली है, जिसके चलते लैंडर विक्रम से संपर्क करने के लिए की जा रही कोशिशें भी अंधेरे में जा सकती है। अब से तीन घंटे बाद विक्रम लैंडर से संपर्क करना बेहद मुश्किल हो जाएगा। संपर्क तो दूर अब उसकी तस्वीर भी नहीं ली जा सकेगी। न ही इसरो और न ही नासा और न ही दुनिया की कोई स्पेस एजेंसी विक्रम लैंडर की तस्वीरें नहीं ले पाएगा। इसके अलावा लैंडर विक्रम के लिए इन 14 दिनों की खतरनाक रात में सुरक्षित रहना भी मुश्किल साबित होगा।
इस वजह से विक्रम लैंडर को सुरक्षित रहने में होगी परेशानी-
चांद के जिस हिस्से में विक्रम लैंडर है उस हिस्से में सूरज की रोशनी नहीं पड़ेगी। साथ ही तापमान घटकर माइनस 183 डिग्री सेल्सियस तक हो सकता है और इस तापमान में खुद को सुरक्षित रखने में विक्रम लैंडर को बहुत मुश्किलें होंगी। क्योंकि इस तापमान में विक्रम लैंडर के इलेक्ट्रॉनिक हिस्से खुद को जीवित रखने में सक्षम नहीं होंगे। अगर विक्रम लैंडर में रेडियोआइसोटोप हीटर यूनिट लगा होता तो वो खुद को बचा सकता था। क्योंकि इस यूनिट के जरिए इसे रेडियोएक्टिविटी और ठंड से बचा जा सकता था। इसी के साथ अब विक्रम लैंडर से संपर्क साधना बेहद मुश्किल नजर आ रहा है।
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20 या 21 को इसरो सांझा करेगा तस्वीरें-
इसरो के सूत्रों ने बताया है कि, विक्रम लैंडर से जुड़ी जानकारी और फोटोज 20 या 21 सितंबर के बाद जारी कर सकता है। हालांकि अभी ये जानकारी नहीं दी कि कब तक जारी करेगा। उन्होंने कहा है कि हम सारी जानकारियां लोगों को बताएंगे साथ ही इसे सोशल मीडिया पर जारी करेंगे। इसरो ने 17 सितंबर को एक ट्वीट जारी किया था कि, हमारे साथ खड़ा होने के लिए आप सभी का धन्यवाद। हम दुनियाभर में भारतीयों की आशाओं से प्ररित होकर आगे बढ़ते रहेंगे। इसी ट्वीट के बाद ये माना जा रहा है कि अब विक्रम लैंडर से संपर्क करने की कोई उम्मीद नहीं दिख रही।
21 सितंबर तक चांद पर छा जाएगा अंधेरा-
बता दें कि विक्रम लैंडर 7 सितंबर को तड़के 1:50 बजे के आसपास चांद के दक्षिणी ध्रुव पर गिरा था और जिस समय विक्रम लैंडर चांद पर गिरा, उस समय वहां सुबह हो रही थी। चांद पर एक पूरा दिन पृथ्वी के 14 दिनों के बराबर होता है। यानि कि 20 या 21 को सितंबर को चांद पर रात हो जाएगी। 14 दिन काम करने का मिशन लेकर गए विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर का टाइम भी पूरा हो जाएगा। आज यानि 18 सितंबर को चांद परशाम हो चुकी है। इसी के साथ 20 या 21 सितंबर तक अंधेरा हो चुका होगा और इसी के साथ विक्रम लैंडर से संपर्क करना मुश्किल हो जाएगा।
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अंधेरे में तस्वीरें लेना होगा चुनौतीपूर्वक- नासा
अस बारे में अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के लूनर रिकॉनसेंस ऑर्बिटर(LRO) के प्रोजेक्ट के साइंटिस्ट नोआ.ई.पेत्रो ने कहा था कि, चांद पर शाम होने वाली है। ऐसे में हमारा LRO विक्रम लैंडर की तस्वीरें तो लेगा पर तस्वीरें कितनी स्पष्ट आएंगी इस बात की कोई गारंटी नहीं है। क्योंकि शाम के वक्त सूरज की रोशनी कम होती है और ऐसे में चांद की सतह पर मौजूद किसी भी वस्तु की तस्वीर लेने में मुश्किलें होंगी। लेकिन जो भी तस्वीरें आएंगी, उन्हें हम भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो के साथ सांझा करेंगे।
विक्रम लैंडर भेजे गए संदेशों का नहीं दे रहा जवाब-
नासा भी लगातार अपने तीन सेंटर्स विक्रम लैंडर और चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर से संपर्क करने में जुटा है। इन सेंटर्स में लगे ताकतवर एंटीना की मदद से वो चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर से संपर्क साध पा रहे हैं और ऑर्बिटर नासा द्वारा भेजे गए संदेश का भा जवाब दे रहा है। लेकिन विक्रम लैंडर भेजे गए संदेशों का कोई जवाब नहीं दे रहा है।
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