अकोला: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा ने महाराष्ट्र सरकार द्वारा किसानों की सात प्रमुख मांगें मान लिए जाने के बाद बुधवार को तीन दिन चला किसान आंदोलन स्थगित करने की घोषणा की। सिन्हा ने मीडिया से बातचीत में कहा, 'मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने हमसे बातचीत की। हमारी बातचीत लाभकारी रही। उन्होंने हमें भरोसा दिलाया है कि किसानों की सारी मांगें मान की जाएंगी। इसके बाद आंदोलन वापस ले लिया गया है।'
बता दें, कि 80 वर्षीय पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री ने हालांकि स्पष्ट किया, कि इसे किसी की 'विजय या पराजय' के रूप में नहीं देखना चाहिए, बल्कि यह महाराष्ट्र और बाकी देश के किसान समुदाय के हित में है।
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किसानों ने की राहत की मांग
शेतकरी जागरण मोर्चा की मांगों में पिंक बॉलवर्म के हमले से किसानों को हुई क्षति की भरपाई, नकली बायोटेक बीज निर्माता व विक्रेता कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई, मूंग, उड़द पव सोयाबीन की फसलों में हुए नुकसान आदि के लिए किसानों को पूरा मुआवजा देने की बात कही गई है। इसके अलावा कृषि पंपों के लिए बिजली आपूर्ति बंद नहीं करने, किसानों के लिए प्रदेश सरकार की ओर सोने को बंधक रखने की स्कीम में छूट की अनुचित शर्तों को हटाने, नैफेड की ओर से घोषित सभी कृषि फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद और 15 जनवरी तक योग्य किसानों के कर्ज की माफी शामिल हैं।
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बीजेपी के लिए परेशानी का सबब बन रहे सिन्हा
किसानों के तीन दिन के आंदोलन को सत्ताधारी बीजेपी को छोड़कर प्रदेश के सभी राजनीतिक दलों का समर्थन प्राप्त था। इस्सके पहले बीजेपी के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा नोटबंदी और जीएसटी के मुद्दे पर केंद्र की मोदी सरकार पर कई बार सवाल खड़े कर चुके हैं।
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आईएएनएस