इस बड़ी बैंक के कस्टमर्स हुए धनवान, वजह है खास
Yes Bank प्राइवेट सेक्टर के बड़े बैंकों में से एक है। Yes bank को लेकर बड़ी खबर आ रही है। बैंक को हॉन्ग कॉन्ग की कंपनी से करीब 8520 करोड़ रुपए का इन्वेस्टमेंट ऑफर मिला है।
मुंबई: Yes Bank प्राइवेट सेक्टर के बड़े बैंकों में से एक है। Yes bank को लेकर बड़ी खबर आ रही है। बैंक को हॉन्ग कॉन्ग की कंपनी से करीब 8520 करोड़ रुपए का इन्वेस्टमेंट ऑफर मिला है। जैसे ही ये खबर आई वैसे ही बैंक के शेयर में 30 फीसदी का बड़ा उछाल आया है। इससे कुछ ही मिनटों में बैंक का मार्केट कैप 4500 करोड़ रुपए बढ़ गया। यह एक घंटे के दौरान 14455 करोड़ रुपए से बढ़कर 19 हजार करोड़ रुपए के करीब पहुंच गई है।
इस पर एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर किसी के पास यस बैंक का शेयर है तो उसे कुछ शेयरों में मुनाफावसूली कर लेनी चाहिए। मौजूदा स्तर से नया निवेश भी किया जा सकता है।
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क्यों आई शेयर में तेजी-
जानकारी के मुताबिक, हॉन्ग कॉन्ग की कंपनी SPGP की ओर से 120 करोड़ डॉलर (करीब 8520 करोड़ रुपए) का इन्वेस्टमेंट ऑफर मिला है। BSE (Bombay Stock Exchange) को दी गई जानकारी में बताया गया है कि यस बैंक में निवेश को लेकर कई सारी कंपनियों ने अपना रुझान दिखाया है। एक बड़ी कंपनी से Yes bank को बाइडिंग ऑफर भी मिला है। इस खबर के बाद कंपनी के शेयर में तेजी आई है। बैंक की मार्केट कैप बढ़कर 18 हजार करोड़ रुपए हो गई है।
जानें अब क्या होगा-
एक्सपर्ट्स ने बताया है कि इस ऑफर के बाद यस बैंक को शेयरधारकों और निवेशकों की मंजूरी लेनी होगी। साथ ही, सभी रेग्युलेटरी यानी SEBI और RBI की मंजूरी भी जरूरी है।
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वीएम पोर्टफोलियो के रिसर्च हेड विवेक मित्तल ने बताया कि Yes bank के साथ सबसे बड़ी परेशानी पैसों को लेकर थी। अब अगर बैंक को 8520 करोड़ रुपए की रकम मिल जाती है तो बैंक की सबसे बड़ी टेंशन दूर हो जाएगी। जिस वजह से बैंक के शेयर में और तेजी आने की उम्मीद है।
हम आपको बता दें कि करीब 15 साल पहले शुरू हुआ Yes bank संकट के दौर से गुजर रहा है। सिर्फ एक साल में यस बैंक के निवेशकों को 90 फीसदी से ज्यादा का नुकसान हो गया है। शेयर भी 400 रुपए से घट कर 40 रुपए के स्त र पर आ गया था। इस दौरान बैंक के मार्केट कैप में भी 70 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की गिरावट आई है।
Yes Bank की सबसे बड़ी टेंशन-यस बैंक के खराब दिनों की शुरुआत उन दिनों से माना जाती है जब बैंक के चेयरमैन राणा कपूर को RBI की ओर से जबरदस्ती हटाया गया। तभी बैंक के कामकाज को लेकर भी कई निगेटिव खबरें आई।
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उसके बाद RBI ने स्विफ्ट कम्प्लाइंसेस में अप्रत्यक्ष के कारण बैंक पर एक करोड़ रुपए की पेनल्टी भी लगाई। लेकिन बैंक के सामाने सबसे बड़ी परेशानी QIP को भी खरीदार नहीं मिलना थी। उससे इन्वेस्टर्स का भरोसा बैंक से उठ गया। बैंक को छोड़ चुके है राणा कपूर। अब वह अपनी हिस्सेदारी बेच रहे है।