UP News: योगी सरकार परवेज मुशर्रफ़ की 13 बीघा जमीन की लगा रही बोली, जानिये कैसे खरीदें

UP News: यूपी सरकार शत्रु संपत्ति नियम के तहत बेच रही परवेज मुशर्रफ़ की 13 बीघा जमीन बेच रही है। जिसकी नीलामी प्रक्रिया 5 सितंबर तक चलेगी।

Written By :  Sonali kesarwani
Update: 2024-09-01 04:42 GMT

UP News: पाकिस्तान के पूर्व सेनाध्यक्ष और राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ और उनके भाइयों के नाम भारत में करीब 13 बीघा जमीन है जिसे योगी सरकार अब बेचने जा रही है। इसके जमीन नीलामी प्रक्रिया के तहत बेचीं जाएगी जिसकी नीलामी 5 सितंबर तक चलेगी। आपको बता दें कि यह जमीन यूपी के बागपत जिले के कोताना में है। यहाँ पहले एक हवेली हुआ करती थी जोकि अब बिल्कुल खँडहर में बदल गई है। जिसे अब शत्रु संपत्ति में डाल दिया गया है। परवेज मुशर्रफ़ की बात करें तो उनका निधन 5 फरवरी 2023 को हो गया था।

बंटवारे में पाकिस्तान चला गया था पूरा परिवार

कोताना गाँव वालों का कहना है की यह जमीन परवेज मुशर्रफ़ के पिता मुशर्रफुद्दीन और माता बेगम जरीन की है। बाद में ये दिल्ली जाकर रहने लगे थे। परवेज और उनके भाई का जन्म भी दिल्ली में ही हुआ था। उसके बाद 1947 में जब बंटवारा हुआ तब उनका पूरा परिवार पाकिस्तान चला गया था। बाकी रही ये जमीन तो वो यही रह गई। बागपत के अलावा परवेज के परिवार की जमीन दिल्ली में भी थी जिसे परवेज और उनके भाइयों ने बेच दी थी। कोताना की हवेली बाद में उनके चचेरे भाई हुमायूँ के नाम कर दी गई थी।

जानिये क्या है शत्रु संपत्ति?

भारत के संसद द्वारा अधिनियम 1968 में इसे पारित किया गया था। जिसके मुताबिक जिन संपत्तियों को इसमें डाला जायेगा उसपर भारत सरकार का अधिकार होगा। पाकिस्तान से 1965 में हुए युद्ध के बाद 1968 में शत्रु संपत्ति (संरक्षण एवं पंजीकरण) अधिनियम पारित हुआ था। इस अधिनियम के अनुसार जो लोग बंटवारे या 1965 में और 1971 की लड़ाई के बाद पाकिस्तान चले गए और वहां की नागरिकता ले ली थी, उनकी सारी अचल संपत्ति ‘शत्रु संपत्ति’ घोषित कर दी गई। इन सब के बाद पहली बार उन भारतीय नागरिकों को संपत्ति के आधार पर ‘शत्रु’ की श्रेणी में रखा गया, जिनके पूर्वज किसी ‘शत्रु’ राष्ट्र के नागरिक रहे हों। यह कानून सिर्फ उनकी संपत्ति पर लागू होता है जिनपर भारतीय नागरिकता का कोई असर नहीं पड़ता।

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