बैंक में नहीं सुरक्षित आपका पैसा! अंजान हैं आप भी RBI के इन नियमों से

पंजाब और महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव (पीएमसी) बैंक पर आरबीआई (भारतीय रिजर्व बैंक) ने 6 महीने के लिए प्रतिबंध लगाया है। इसके चलते बैंक ग्राहकों को सिर्फ 10,000 रूपये ही निकालने की अनुमति दी गई है। पर फिलहाल इसी के साथ बड़ा सवाल ये है कि इस बैैंक में जिन लोगों के लाखों रूपये जमा हैं, उनके पैसों का क्या होगा।

Update: 2023-06-20 06:06 GMT
RBI

नई दिल्ली : पंजाब और महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव (पीएमसी) बैंक पर आरबीआई (भारतीय रिजर्व बैंक) ने 6 महीने के लिए प्रतिबंध लगाया है। इसके चलते बैंक ग्राहकों को सिर्फ 10,000 रूपये ही निकालने की अनुमति दी गई है। पर फिलहाल इसी के साथ बड़ा सवाल ये है कि इस बैैंक में जिन लोगों के लाखों रूपये जमा हैं, उनके पैसों का क्या होगा। वो बैंक से कैसे अपने पैसों को निकाल सकते हैं।

बैंकों में लोग पैसा इसलिए जमा करते हैं क्योंकि वहां उनका पैसा सुरक्षित रहता है। लेकिन अगर आपका पैसा बैंक में जमा है तो आरबीआई के कुछ ऐसे नियम है जिसका पता होना आपके लिए बहुत जरुरी है।

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कभी एक ही खाते में जमा न करे सारी रकम

पंजाब और महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक में कई लोगों ने अपने जीवन भर की कमाई जमा कराई थी। लेकिन बैंक पर प्रतिबंध लगने के बाद बैंक में खाता रखने वाले अब मुसीबत में आ गए हैं क्योंकि अब वे 6 महीने तक सिर्फ 10,000 रुपये ही बैंक से निकाल सकते हैं।

और बैंकों को लेकर यही कारण है कि वित्ती सलाहकार एक ही बैंक में पैसा जमा करने की सलाह नहीं देते हैं। वित्तीय सलाहकारों कहते हैं कि बचतकर्ताओं को 2-3 बैंकों में पैसा रखना चाहिए और खाता को-ऑपरेटिव बैंक, निजी बैंक और सरकारी बैंक में होना चाहिए। इसके साथ ही को-ऑपरेटिव बैंक में ज्यादा पैसा रखना खतरनाक साबित हो सकता है।

आरबीआई का ये है नियम

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया का अधिकार रखने वाली डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन के नियम के अनुसार, देश में कार्यरत सभी बैंकों का बीमा होता है। यह बीमा खाताधारकों की जमा रकम पर भी है। हालांकि अगर बैंक का लाइसेंस रद्द हो जाता है तो फिर किसी तरह का बीमा खातों पर प्रभावी नहीं होगा। यह नियम सभी सरकारी, निजी और कोऑपरेटिव बैंकों पर लागू है।

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बैंक का लाइसेंस किसी वजह से रद्द हो जाए तो

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के नियमों के अनुसार, अगर बैंक का लाइसेंस किसी वजह से रद्द हो जाए तो फिर बैंक ग्राहकों की जमा रकम के वापस मिलने पर किसी तरह की जिम्मेदारी नहीं होगी।

बता दें कि यदि बैंक का लाइसेंस रहने तक, अगर किसी कारण से बैंक डूब जाता है, तो फिर प्रत्येक खाताधारक को केवल एक लाख रुपये ही मिलेंगे। मान लीजिए आपका किसी बैंक में किसी भी तरह का खाता है और उसमें 10 लाख रुपया जमा है। बैंक के दिवालिया होने की स्थिति में आपको केवल एक लाख रुपया ही मिलेगा। बाकी का नौ लाख रुपया डूब जाएगा।

इसी के साथ अगर खाते में एक लाख रुपये से कम राशि जमा है, तो फिर नियमों के अनुसार बैंक आपको उतनी रकम वापस करेगा। खाते में एक रुपये से लेकर एक लाख रुपये जमा होने पर बैंक आपको पूरी राशि वापस करेगा। वैसे अभी तक इस तरह की स्थिति किसी बैंक में आई नहीं है।

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