अपने बने खतरा: इन राज्यों में खौफ का माहौल, सभी जिले हुए सील

देश में रोजाना बढ़ रही कोरोना के मरीजों की संख्या ने आकंड़ों को और तेजी से बढ़ा दिया है। देश में बिहार, राजस्थान और अन्य राज्यों में लौटे प्रवासियों के बाद से राज्यों में कोरोना संक्रमितों की संख्या ने जोर पकड़ लिया है।

Update:2020-05-20 12:01 IST

नई दिल्ली: देश में रोजाना बढ़ रही कोरोना के मरीजों की संख्या ने आकंड़ों को और तेजी से बढ़ा दिया है। देश में बिहार, राजस्थान और अन्य राज्यों में लौटे प्रवासियों के बाद से राज्यों में कोरोना संक्रमितों की संख्या ने जोर पकड़ लिया है। ऐसे में कई ग्रीन जोन इलाकों में अब दूसरी जगहों से लौटे प्रवासियों के बाद 'रेड अलर्ट' कर दिया गया है। क्योंकि दूसरे राज्यों से लौटने वाले सैकड़ों लोग कोरोना पॉजिटिव पाए जा रहे हैं। जिसकी वजह से आने वाले दिनों इन राज्यों में कोरोना मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ सकती है।

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बिहार

प्रवासी जो दूसरे राज्यों से बिहार लौट रहे उनमें कई कोरोना पॉजिटिव पाए जा रहे हैं। ऐसे में राज्य के स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, बीते 4 दिनों में बिहार में 400 से ज्यादा कोरोना पॉजिटिव केस सामने आए हैं।

स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार की तरफ से जारी आंकडों की माने तो अन्य राज्यों से विशेष ट्रेनों से आए प्रवासी मजदूरों में से 8337 नमूनों की जांच की गई है, जिसमें 651 पॉजिटिव पाए गए हैं।

बिहार पहुंचने वाला लगभग हर चौथा शख्स कोरोना पॉजिटिव निकल रहा है। अब तक लगभग साढ़े चार लाख प्रवासी मजदूरों की घर वापसी हो चुकी है। हालांकि उनमें से मात्र 8337 के नमूमों की जांच में 651 पॉजिटिव पाए गये हैं। टेस्टिंग की रफ्तार बढ़ने के साथ संक्रमित मरीजों की संख्या में भी तेजी से इजाफा होगा।

बिहार के सभी जिलों कोरोना संक्रमित

अब बिहार के सभी 38 जिलों में कोरोना के मरीज मिले हैं। इसके साथ ही राजधानी पटना में कोरोना के सबसे ज्यादा मरीज मिले हैं। राज्य सरकार प्रवासी मजदूरों को निर्धारित क्वारंटीन सेंटर में 14 दिन के लिए रख रही है। बिहार के 5 जिले पटना, मुंगरे, रोहतास, बक्सर और गया रेड जोन में है जबकि बाकी के 33 जिले ऑरेंज जोन में हैं।

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राजस्थान

राजस्थान को बात करें तो, यहां भी जब से प्रवासियों का आना बढ़ रहा है तब से कोरोना मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी देखी जा रही है। राज्य आने के लिए करीब 14 लाख प्रवासियों ने रजिस्ट्रेशन कराया है।

ताजा सरकारी आंकड़े के अनुसार, अबतक करीब 3 लाख प्रवासी राज्य पहुंचे हैं। राज्य के जालोर-सिरोही, बारा, बाड़मेर और राजसमंद जिले ग्रीन जोन में थे लेकिन इन जिलों को लौटे कई प्रवासी मजूदर कोरोना से पीड़ित पाए गए हैं।

वहीं अबतक 888 प्रवासी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। सबसे ज्यादा आदिवासी इलाके में प्रवासी बने खतरा, अकेले डूंगरपुर में 200 से अधिक मिले हैं संक्रमित। राज्य के 22 जिलों में प्रवासियों के कारण कोरोना के मामले बढ़े हैं।

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राजस्थान के चूरू और भीलवाड़ा जिले में

राजस्थान के चूरू और भीलवाड़ा जिले में कोरोना का कोई भी मरीज नहीं था, लेकिन दूसरे राज्यों से आए प्रवासियों के कारण यहां फिर से कोरोना संक्रमण के केस मिले हैं। ऐसे में अब राज्य के कई ऐसे जिले जहां कोरोना के कम मामले थे वहां भी रेड अलर्ट कर दिया गया है। आने वाले दिनों में राज्य में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ सकती है।

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मध्य प्रदेश

बता दें कि मध्यप्रदेश में कुल 4.17 लाख प्रवासी मजदूर अभी तक वापस लाए गए हैं। जिसमें 100 श्रमिक स्पेशल ट्रेन से 1, 34, 701 लोग हैं। बाकी बसों के जरिए लाए गए हैं। राज्य में 5 हजार से ज्यादा कोरोना के मामले सामने आ चुके हैं।

बीते कुछ दिनों में राज्य में कोरोना मरीजों की संख्या में बढ़ोत्तरी देखी जा रही है। साथ ही माना जा रहा है कि प्रवासियों के कारण भी कोरोना मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है।

वहीं इंदौर और उज्जैन जिले को राज्य सरकार ने रेड जोन घोषित किया है बाकी सभी जिलों को ग्रीन जोन में शामिल किया गया है। राज्य में ऑरेंज जोन को खत्म कर दिया गया है। लेकिन जैसे-जैसे राज्य में प्रवासी मजदूर लौट रहे हैं यहां कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ने की आशंका सच में बदलती जा रही है।

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