Karnataka Election 2023: चुनाव से पहले बीजेपी को बड़ा झटका, पूर्व डिप्टी सीएम ने थामा कांग्रेस का दामन

Karnataka Election 2023: भाजपा से टिकट न मिलने से नाराज लक्ष्मण सावदी ने बीजेपी छोड़ कांग्रेस का दामन थाम लिया है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने उनके शामिल होने की पुष्टि की है।

Update: 2023-04-14 13:16 GMT
लक्ष्मण सावदी (सोशल मीडिया)

Karnataka Election 2023: कर्नाटक में विधानसभा चुनाव को लेकर खूब सियासी उठापटक हो रही है। टिकट वितरण के बाद सियासी दलों में घमासान मचा हुआ है। खासकर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी में सबसे ज्यादा ऊहापोह की स्थित है। यहां टिकट न मिलने से नाराज कई बड़े नेता बागी सूर अख्तियार कर चुके हैं। इन्हीं में एक बड़ा नाम है पूर्व डिप्टी सीएम और सीनियर बीजेपी लीडर लक्ष्मण सावदी का। टिकट न मिलने से नाराज सावदी ने बीजेपी छोड़ कांग्रेस का दामन थाम लिया है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने उनके शामिल होने की पुष्टि की है।

कांग्रेस में शामिल होने से पहले लक्ष्मण सावदी ने राजधानी बेंगलुरू में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से अलग-अलग मुलाकात की थी। उन्होंने नेता प्रतिपक्षी सिद्धारमैया और प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार से उनके आवास पर जाकर मुलाकात की। जिसके बाद उनके कांग्रेस में आने का मार्ग प्रशस्त हो गया। टिकट नहीं मिलने से नाराज 63 वर्षीय सावदी ने एक दिन पहले ही भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था।

पिछला चुनाव हार गए थे सावदी

लक्ष्मण सावदी बेलगांव जिले की अथानी सीट से तीन बार के विधायक रह चुके हैं। लेकिन पिछले चुनाव में यानी 2018 के विधानसभा चुनाव में उन्हें कांग्रेस उम्मीदवार महेश कुमाथल्ली के हाथों पराजय का सामना करना पड़ा था। चुनाव हारने के बावजूद बीजेपी ने उनका कद बरकरार रखा और उन्हें विधान परिषद के रास्ते विधानसभा भेजा और राज्य का उपमुख्यमंत्री बनाया।

वहीं, महेश कुमाथल्ली कांग्रेस-जेडीएस के उन विधायकों में शामिल हैं जो 2019 में ऑपरेशन लोट्स के तहत बीजेपी में आए थे। बीजेपी ने इस बार कुमाथल्ली के चेहरे पर ही दांव लगाया। लगातार दो बार अथानी सीट से जीतने वाले महेश कुमाथल्ली हैट्रिक लगा पाएंगे, ये तो नतीजे ही बताएंगे।

कब हैं कर्नाटक में चुनाव ?

कर्नाटक में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 10 मर्ई को होंगे और नतीजे 13 मई को आएंगे। एक ही चरण में प्रदेश की सभी 224 सीटों पर मतदान होंगे। राज्य में कुल 5.21 करोड़ मतदाता है। दक्षिण भारत की एकमात्र बीजेपी शासित राज्य होने के कारण पूरे देश की नजर इस विधानसभा चुनाव पर है। अगर बीजेपी यह चुनाव कांग्रेस के हाथों गंवाती है तो दक्षिण में उसके पैर उखड़ जाएंगे। वहीं, कांग्रेस की स्थिति विपक्ष में काफी मजबूत हो जाएगी।

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