Karnataka: मंत्री के इस्तीफे पर भी नहीं सुलझा विवाद, कांग्रेस ने बनाया गिरफ्तारी का दबाव
KS Eshwarappa Controversy: कांग्रेस ने ईश्वरप्पा की गिरफ्तारी की मांग की है और इसके लिए सरकार पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है।
KS Eshwarappa Controversy: कर्नाटक (Karnataka) में ठेकेदार की खुदकुशी के प्रकरण में घिरे पंचायती राज मंत्री के एस ईश्वरप्पा (KS Eshwarappa) के इस्तीफे के बाद भी विवाद का अंत होता नहीं दिख रहा है। ईश्वरप्पा ने शुक्रवार को देर शाम मुख्यमंत्री बासवराज बोम्मई (Basavaraj Bommai) के घर पहुंचकर इस्तीफा दे दिया था मगर विपक्ष उनके इस्तीफे मात्र से ही संतुष्ट नहीं है।
कांग्रेस ने इस मामले में ईश्वरप्पा की गिरफ्तारी की मांग की है और इसके लिए सरकार पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। पार्टी ने आरोप लगाया है कि भाजपा राज में भ्रष्टाचार चरम पर पहुंच चुका है और भ्रष्टाचार के खिलाफ पार्टी की जंग जारी रहेगी। उधर भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस के आरोपों का जवाब देते हुए कहा है कि ईश्वरप्पा ने इस मामले को लेकर इस्तीफा दे दिया है और अब पुलिस की जांच में पूरी सच्चाई सामने आ जाएगी।
सच्चाई सामने लाने का अनुरोध
जानकारों का कहना है कि ईश्वरप्पा ने हाईकमान के कहने पर मंत्री पद से इस्तीफा दिया है। इस्तीफे को लेकर उनके समर्थकों में काफी नाराजगी है। ईश्वरप्पा का कहना है कि मैंने स्वेच्छा से मंत्री पद से इस्तीफा दिया है और मुख्यमंत्री से पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करवाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यह सच्चाई सबके सामने आनी चाहिए कि यह हत्या का मामला है या आत्महत्या का।
उन्होंने कहा कि मैं इस तरह के आरोपों से बाहर आना चाहता हूं और मैंने इस बाबत मुख्यमंत्री और अन्य केंद्रीय नेताओं से बातचीत की है। मैं इस मुद्दे पर भाजपा सरकार अपनी पार्टी को शर्मिंदगी से बचाना चाहता हूं और इसी कारण मैंने पद से इस्तीफा दिया है। लेकिन इस मामले में साजिश रचने वालों का चेहरा सामने आना चाहिए ताकि राज्य के लोगों को असली सच्चाई का पता लग सके। जिस समय ईश्वरप्पा मुख्यमंत्री आवास पर इस्तीफा देने के लिए पहुंचे, उस समय काफी संख्या में उनके समर्थक मुख्यमंत्री आवास के बाहर मौजूद थे और जय श्री राम और ईश्वरप्पा के समर्थन में नारेबाजी कर रहे थे।
खुदकुशी प्रकरण पर सियासत गरमाई
खुदकुशी करने वाले ठेकेदार संतोष पाटिल ने दो हफ्ते पहले ईश्वरप्पा और उनके करीबी लोगों पर खुद को परेशान करने का आरोप लगाया था। पाटिल का कहना था कि चार करोड़ रुपए का फंड जारी करने के लिए उससे 40 फ़ीसदी कमीशन मांगा जा रहा है। मंगलवार को उडुपी स्थित होटल में पाटिल का शव मिला था और उसके बाद राज्य की सियासत गरमाई हुई है। इससे दिन पहले ही पाटिल ने अपने करीबियों और तमाम मीडिया कर्मियों को भेजे गए व्हाट्सएप संदेश में अपनी मौत के लिए ईश्वरप्पा को जिम्मेदार ठहराया था।
कांग्रेस ने की गिरफ्तारी की मांग
पाटिल की इस खुदकुशी के बाद राज्य की सियासत काफी गरमा गई है और कांग्रेस इस मौके को हाथ से नहीं जाने देना चाहती। पार्टी का कहना है कि मंत्री के इस्तीफे से ही विवाद का अंत नहीं हुआ है बल्कि इस मामले में ईश्वरप्पा की गिरफ्तारी की जानी चाहिए। पार्टी ने राज्य सरकार से अनुरोध किया है कि इस मामले में निष्पक्ष कार्रवाई की जानी चाहिए और पाटिल और उनके परिवार के साथ न्याय किया जाना चाहिए। दूसरी ओर भाजपा की ओर से इसे सियासी साजिश बताया जा रहा है। पार्टी का कहना है कि पुलिस की जांच में सबकुछ सामने आ जाएगा।