Karnataka Elections 2023: कर्नाटक में दल-बदल का खेल हुआ तेज, जेडीएस विधायक ने दिया इस्तीफा, कांग्रेस में होंगे शामिल
Karnataka Elections 2023: चुनाव की तारीख का ऐलान होने के साथ ही राज्य में दल-बदल का खेल शुरू हो गया है। थोक के भाव में मझोले स्तर के नेता अपने कार्यकर्ताओं के साथ सुरक्षित सियासी भविष्य के लिए दूसरे दलों की ओर कूच कर रहे हैं।
Karnataka Elections 2023: विधानसभा चुनाव को लेकर कर्नाटक में इन दिनों राजनीतिक सरगर्मी बढ़ी हुई है। चुनाव की तारीख का ऐलान होने के साथ ही राज्य में दल-बदल का खेल शुरू हो गया है। थोक के भाव में मझोले स्तर के नेता अपने कार्यकर्ताओं के साथ सुरक्षित सियासी भविष्य के लिए दूसरे दलों की ओर कूच कर रहे हैं। कर्नाटक की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी जनता दल सेक्यूलर (जेडीएस) में सबसे अधिक भगदड़ मची हुई है। बड़ी संख्या में पार्टी के नेता, विधायक और कार्यकर्ता कांग्रेस और बीजेपी में शामिल हो रहे हैं।
रविवार को जेडीएस के एक और विधायक ने इस्तीफा दे दिया है। कर्नाटक की अर्सीकेरे सीट से विधायक केएम शिवलिंगगौड़ा ने आज विधायक पद से त्यागपत्र दे दिया। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष विश्वेश्वर हेगड़े कागरी से उनके कार्यालय में मुलाकात की और उन्हें अपना इस्तीफा सौंपा। स्पीकर ने शिवलिंगगौड़ा का इस्तीफा स्वीकर कर लिया। निर्वतमान जेडीएस विधायक अपने 300 से अधिक समर्थकों के साथ विधानसभा त्यागपत्र देने पहुंचे थे।
केएम शिवलिंगगौड़ा की कांग्रेस में शामिल होना करीब-करीब तय है। उन्होंने काफी पहले से जेडीएस और उनके मुखिया पूर्व सीएम एचडी कुमारस्वामी के खिलाफ बगावती तेवर अपना रखा है। मार्च के पहले हफ्ते में हासन में एक कार्यक्रम में उन्होंने जेडीएस छोड़ने और कांग्रेस में शामिल होने के स्पष्ट संकेत दिए थे। शिवलिंगगौड़ा अर्सीकेरे सीट से पहली बार 2008 में विधायक बने थे, इसके बाद उन्होंने 2018 के चुनाव में जीत हासिल की थी।
जेडीएस में मची है भगदड़
विधानसभा चुनाव को लेकर सबसे अधिक भगदड़ जेडीएस में मची हुई है। इससे पहले हासन जिले की अर्कलगुड सीट से विधायक एटी रामास्वामी ने जेडीएस छोड़ने का ऐलान किया था और बाद में वे बीजेपी में शामिल हो गए थे। रामास्वामी ने कहा था कि उनकी पार्टी में लगातार उपेक्षा हो रही थी, इसलिए उन्होंने ये फैसला लिया। इस बीच देखने में आया है कि कांग्रेस जेडीएस नेताओं और कार्यकर्ताओं का सबसे पसंदीदा ठिकाना बन रही है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार अब तक 37 जेडीएस नेताओं के पार्टी में शामिल होने का दावा कर चुके हैं। इनमें विधायक और एमएलसी से लेकर अन्य नेता शामिल हैं। कांग्रेस में केवल जेडीएस ही नहीं बीजेपी के नेता भी खूब शामिल हो रहे हैं। विजयनगर जिले की कुडलिगी सीट से विधायक एनवाई गोपालकृष्ण ने हाल ही में बीजेपी से इस्तीफा देकर कांग्रेस ज्वाइन किया है। पूर्व बीजेपी एमएलसी पुत्तन्ना और बाबूराव चिंचानसुर भी कमल छोड़ हाथ का दामन थाम चुके हैं।
कर्नाटक में चुनाव कब ?
कर्नाटक की सभी 224 विधानसभा सीटों के लिए 10 मई 2023 को मतदान होंगे, जिसके नतीजे 13 मई को आएंगे। राज्य में मुख्य मुकाबला सत्तारूढ बीजेपी और प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस के बीच है। वहीं, कर्नाटक की बड़ी रीजनल पार्टी जेडीएस 2018 की तरह इस बार भी मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने के लिए उतरेगी। कांग्रेस को राज्य में सत्ता का प्रबल दावेदार माने जा रहा है। बड़ी संख्या में जेडीएस और बीजेपी नेताओं के पार्टी में शामिल होने के ट्रेंड को भी इसी से जोड़कर देखा जा रहा है।
सत्ताधारी बीजेपी के लिए कर्नाटक में करो या मरो वाली स्थिति है। कमजोर स्टेट लीडरशिप मजबूत सेंट्रल लीडरशिप के सहारे चुनावी नैया पार कराने की कोशिश में है। अगर बीजेपी ये चुनाव हारती है तो दक्षिण में उसके पैर उखड़ जाएंगे। कर्नाटक दक्षिण भारत का एकमात्र बीजेपी शासित राज्य है। एक बड़ा राज्य होने के नाते इस चुनाव के परिणाम का असर राष्ट्रीय राजनीति पर भी पड़ेगा।