Murders in karnataka: नहीं थम रहा कर्नाटक में हत्याओं का सिलसिला, बीते आठ दिन में 3 मर्डर

Murders in karnataka: गुरूवार शाम को मेंगलुरू में नकाबपोश हमलावरों ने मोहम्मद फाजिल नामक शख्स पर उस समय हमला कर दिया था, जब वे अपनी दुकान के बाहर खड़े थे।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update: 2022-07-29 09:50 GMT

नहीं थम रहा कर्नाटक में हत्याओं का सिलसिला (photo: social media )

Murders in karnataka: सांप्रदायिक तनाव के कारण पिछले काफी समय से सुर्खियों में रहने वाले कर्नाटक में हत्याओं का सिलसिला थमता नजर नहीं आ रहा है। एक के बाद एक राजनीतिक हत्याओं ने राज्य में तनाव को और बढ़ा दिया है। बीते आठ दिनों में तीन हत्या की वारदातें हो चुकी हैं। गुरूवार शाम को मेंगलुरू में नकाबपोश हमलावरों ने मोहम्मद फाजिल नामक शख्स पर उस समय हमला कर दिया था, जब वे अपनी दुकान के बाहर खड़े थे। धारदार हथियार से हमले में वह बुरी तरह घायल हो गए थे और अस्पताल ले जाने के क्रम में दम तोड़ दिया था।

इससे पहले 26 जुलाई को साउथ कन्नड़ जिले में भाजयुमो नेता प्रवीण नेट्टारू की कुल्हाड़ी से निर्मम हत्या कर दी गई थी। दक्षिण कन्नड़ में ही इससे पहले 19 जुलाई को एक और युवक मोहम्मद मसूद पर आठ लोगों ने हमला कर दिया था। बाद में अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी।

कार में सवार होकर आए थे हमलावर

पुलिस ने बताया कि गुरूवार शाम जिस मोहम्मद फाजिल की हत्या हुई थी, वह उस दौरान अपने कपड़े की शॉप के बाहर किसी परिचित से बात कर रहे थे। तभी कार से चार हमलावर आए और उस पर हमला कर दिया। हमलावरों ने चेहरे को ढ़ंक रखा था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, फाजिल पुलिस का मुखबिर था। इस मामले में अब तक 12 लोगों को हिरासत में लिया गया है। तनाव को देखते हुए आसपास के इलाकों में धारा 144 लागू कर दी गई है। पुलिस सीसीटीवी फुटेज के जरिए आरोपियों तक पहुंचने की कोशिश कर रही है।

प्रवीण हत्या मामले में दो गिरफ्तार

मंगलवार रात बीजेपी नेता प्रवीण नेट्टारू की हत्या को लेकर बीजेपी कार्यकर्ताओं में अपनी ही सरकार के खिलाफ रोष है। कई जिले के पदाधिकारियों ने पद से इस्तीफा भी दे दिया है। ऐसे में राज्य की बीजेपी सरकार पर कार्रवाई का जबरदस्त दवाब है। इस मामले में गुरूवार को दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि पीएफआई से संबंधित 21 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ जारी है। मुख्यमंत्री बासवराज बोम्मई ने प्रवीण के परिजनों से मुलाकात कर उन्हें 5 लाख रूपया सरकार की तरफ से और 25 लाख रूपया पार्टी की तरफ से मुआवजा दिया।

शक के घेरे में फिर से पीएफआई

पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पिछले काफी समय से देश में हो रही सांप्रदायिक घटनाओं को लेकर सुर्खियों में रहा है। इस तरह के हर छोटी – बड़ी घटनाओं में इस संगठन के लोगों के नाम सामने आते रहे हैं। दक्षिण भारत खासतौर पर केरल और कर्नाटक में इसकी अच्छी मौजूदगी को देखते हुए प्रवीण की हत्या का शक इसके टेरर मॉड्यूल पर है। कर्नाटक में इस साल हिजाब को लेकर हुआ भारी बवाल के पीछे भी इसी संगठन की छात्र ईकाई कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई) का नाम आया था। केरल में भी इस संगठन पर राजनीतिक हत्याओं में शामिल रहने का आरोप है।

हालांकि, पीएफआई ने हमेशा हिंसक गतिविधियों में शामिल होने से इनकार किया है। इसके खिलाफ कुछ ठोस सबूत न होने के कारण केंद्र सरकार अभी तक इसे प्रतिबंधित नहीं कर पाई है। बता दें कि प्रवीण ने उदयपुर के टेलर कन्हैयालाल की हत्या के विरोध में पोस्ट किया था, जिसके बाद उनकी हत्या कर दी गई।

कर्नाटक में भी लागू होगा योगी मॉडल

भाजपा नेता की हत्या के बाद मुख्यमंत्री बासवराज बोम्मई से योगी मॉडल लागू करने की मांग की जा रही है। पार्टी नेताओं के इस मांग पर उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर उत्तर प्रदेश सरकार में चल रही सरकार के योगी मॉडल को असमाजिक तत्वों से निपटने में इस्तेमाल किया जा सकता है।

बता दें कि दक्षिण भारत का एकमात्र बीजेपी शासित राज्य कर्नाटक में अगले साल के मध्य में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसके अलावा पड़ोसी राज्य तेलंगाना में भी चुनाव होने हैं, जहां बीजेपी पैर जमाने की कोशिश कर रही है। राज्य में लगातार हो रही सांप्रदायिक घटनाओं को इससे भी जोड़कर देखा जा रहा है।

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