कोरोना काल में विजयन के अच्छे काम ने दिलाई ऐतिहासिक जीत
बंगाल में भले ही लेफ्ट पार्टियों का सफाया हो गया लेकिन केरल में सीपीएम ने इतिहास बना दिया है।
लखनऊ: बंगाल (West Bengal) में भले ही लेफ्ट पार्टियों का सफाया हो गया लेकिन केरल में सीपीएम (CPM) ने इतिहास बना दिया है। इस जीत के पीछे मुख्यमंत्री पी विजयन (Chief Minister P. Vijayan) की लोकप्रियता और उनका जनोपयोगी काम है, खास कर कोरोना के कठिन दौर (corona pandemic) में किया गया काम।
केरल (Kerala) में 40 साल का ट्रेंड रहा था कि हर पांच साल में सरकार बदल जाती थी। एक बार सीपीएम नीत लेफ्ट फ्रंट जीतता तो अगली बार कांग्रेस की अगुवाई वाला यूनाइटेड फ्रंट। लेकिन केरल के 75 वर्षीय मुख्यमंत्री पी विजयन ने लगातार दूसरी बार एलडीएफ की सरकार बना दी है। केरल के इतिहास में विजयन तीसरे मुख्यमंत्री हैं जो फिर चुनाव जीते हैं। इसके अलावा वो पहले सीएम हैं जो कार्यकाल पूरा करके फिर सीएम बनेंगे।
एक असंभव सी चुनावी जीत दिला कर विजयन ने सीपीएम को नई जान दे दी है जिसकी उसको बहुत बुरी तरह जरूरत थी। केरल के अलावा बाकी जगह सीपीएम दूर हाशिये पर जा चुकी है।
विजयन और शैलजा की जोड़ी
केरल में सीएम विजयन और हेल्थ मिनिस्टर शैलजा टीचर की जोड़ी हिट साबित हुई है। पिछले साल जब कोरोना की वजह से केरल मुसीबत में पड़ गया था तब इन्होंने बेहतरीन योजनाएं लांच कीं जिससे गरीब वर्ग को बहुत मदद मिली।
लॉकडाउन के दौर में मुख्यमंत्री ने "फ़ूड किट" बांटे। इस किट में रोजमर्रा इस्तेमाल के 17 आइटम शामिल थे। इस योजना ने दिखादिया कि राजनीतिक लेवल पर किस तरह जनता का दिल जीता जाता है।
महामारी के चलते जब लोगों का मनोबल टूटने का खतरा पैदा हो गया तब केरल के राजनीतिक नेतृत्व ने चुनौती का सीधे सामना किया। महामारी कंट्रोल करने के तमाम कदम उठाए। लोगों की जानें बचाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी गई। स्वास्थ्य सुविधाओं में कोई कमी नहीं होने दी गई। ये विजयन के नेतृत्व में किये गए काम का ही परिणाम है कि इस साल अप्रैल के अंत तक केरल में कोरोना से मृत्यु दर 0.3 फीसदी रही जो भारत में न्यूनतम दरों में शामिल हैं।
यही वजह रही कि एलडीएफ ने हाल में हुए स्थानीय निकाय चुनाव में जबर्दस्त प्रदर्शन किया और उससे पता चल गया कि हवा किस तरफ बह रही है।