विजयन ने जीत का श्रेय जनता को दिया, बोले- यह कोविड से जंग का समय

केरल विधानसभा के लिए हुए चुनाव में रुझान सत्तारूढ़ एलडीएफ की जबरदस्त वापसी के संकेत दे रहे हैं।

Newstrack Network :  Network
Published By :  Vidushi Mishra
Update: 2021-05-02 13:19 GMT

पिनाराई विजयन (फोटो-सोशल मीडिया) 

नई दिल्ली: केरल में 140 सदस्यीय केरल विधानसभा के लिए हुए चुनाव में रुझान सत्तारूढ़ एलडीएफ की जबरदस्त वापसी के संकेत दे रहे हैं। केरल के सीएम पिनाराई विजयन ने कहा कि केरल ने एलडीएफ के पक्ष में फैसला दिया। लेकिन यह बहुत खुशी के साथ मनाने का समय नहीं है क्योंकि COVID-19 का प्रसार जारी है। यह COVID-19 के खिलाफ लड़ाई जारी रखने का समय है।

माकपा के वरिष्ठ नेता और केरल के सीएम पिनारयी विजयन धर्मधाम निर्वाचन क्षेत्र से आगे चल रहे हैं, वहीं भाजपा के ई. श्रीधरन थोड़ी देर तक लगातार बढ़त बनाए रखने के बाद पलक्कड़ में पीछे चल रहे हैं। भाजपा दो सीटों पर हार चुकी है। पिनाराई विजयन ने अपनी सफलता का श्रेय जनता को दिया है।

रक्षामंत्री ने दी बधाई

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि केरल विधानसभा चुनाव में विजयन की पार्टी की जीत पर केरल के मुख्यमंत्री @vijayanpinarayi को बधाई। उनके अगले कार्यकाल के लिए उन्हें मेरी शुभकामनाएं।

हालांकि अभी यह तय नहीं है कि विजयन को अगला कार्यकाल मिलेगा या विधानसभा दल नये नेता को चुनेगा। इसका फैसला आज रात हो सकता है।

इस बीच कांग्रेस की हार को लेकर वरिष्ठ कांग्रेस नेता शशि थरूर ने ट्वीट किया है कि केरल कांग्रेस में मेरे कई दोस्तों और सहयोगियों के लिए यह निराशा का दिन है। आपने अच्छी लड़ाई लड़ी। आपने जो ऊर्जा और प्रतिबद्धता दिखाई है, वह पार्टी की सबसे बड़ी ताकत है। हमें निराश नहीं होना चाहिए। हमें पार्टी को नवीनीकृत करने, पुनर्जीवित करने, और लोगों की सेवा करने के लिए आगे काम करना है।

केरल के वित्त मंत्री थॉमस इसाक ने कहा है कि हमने 2016 के चुनाव में केरल विधानसभा में भाजपा के एक सीट से प्रवेश को बंद कर दिया है। अब केरल भारत का एकमात्र ऐसी राज्य विधानसभा बन गया है जिसमें भाजपा का कोई प्रतिनिधि नहीं है। केरल देश में धर्मनिरपेक्षता का गढ़ बना रहेगा।

सीपीआई-एम के कोडियरी बालकृष्णन ने कहा कि लोगों के जनादेश से साबित होता है कि वे एलडीएफ सरकार की जन-समर्थक नीतियों से खुश हैं। यह लोगों की जीत है। आधा दर्जन मंत्रियों के साथ पीएम मोदी ने यहां चुनाव प्रचार किया, लेकिन वे एक सीट भी हार गए। यहां के लोगों ने सांप्रदायिक ताकतों को हराया है।

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