बकरीद पर पाबंदियों में छूट पर उठे सवाल, केरल सरकार के फैसले पर कांग्रेस और IMA ने जताई आपत्ति
Kerala Lockdown Relaxation: केरल में अभी तक कोरोना के करीब साढ़े 31 लाख मामले दर्ज किए जा चुके हैं और इस महामारी के कारण 15 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
Kerala Lockdown Relaxation: केरल में हाल के दिनों में कोरोना के केसों में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है मगर इसके बावजूद राज्य की विजयन सरकार ने बकरीद के मद्देनजर पाबंदियों में ढील देने का ऐलान किया है। राज्य के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन (Pinarayi Vijayan) ने बकरीद पर खरीदारी के लिए पाबंदियों में तीन दिन की छूट का एलान किया था जिसे लेकर सवाल उठने लगे हैं। कांग्रेस और आईएमए ने सरकार के फैसले की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि यह महामारी को न्योता देने सरीखा है। आईएमए ने सरकार के फैसले को कानूनी चुनौती देने की भी चेतावनी दी।
केरल में कोरोना की तेज रफ्तार
दरअसल, केरल में इन दिनों कोरोना के काफी ज्यादा केस दर्ज किए जा रहे हैं। शनिवार को राज्य में कोरोना के 16,148 नए केस दर्ज किए गए। राज्य में 38 दिनों बाद इतनी ज्यादा संख्या में कोरोना के नए केस दर्ज किए गए हैं। इसके पहले 9 जून को केरल में 16000 से ज्यादा नए केस दर्ज किए गए थे।
केरल में अभी तक कोरोना के करीब साढ़े 31 लाख मामले दर्ज किए जा चुके हैं और इस महामारी के कारण 15 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। यही कारण है कि कोरोना की बढ़ती रफ्तार के बीच सरकार की ओर से बकरीद पर दी गई छूट पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
कांवड़ यात्रा गलत तो बकरीद पर छूट भी गलत
कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने सरकार के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि महामारी के दौर में अगर कांवड़ यात्रा गलत है तो बकरीद पर पाबंदियों में ढील देने की घोषणा भी गलत है। उन्होंने इस बाबत ट्वीट करते हुए कहा कि खासकर ऐसे राज्य में तो यह छूट पूरी तरह गलत है जो कोविड-19 के सबसे बड़े केंद्रों में एक है।
सिंघवी ने कहा कि केरल सरकार की ओर से बकरीद पर तीन दिनों की छूट देना निंदनीय है। उन्होंने कहा कि राज्य में कोरोना महामारी का जबर्दस्त कहर दिख रहा है। ऐसे में अगर हम कांवड़ यात्रा को गलत कहते हैं तो बकरीद पर सार्वजनिक समारोह की छूट देना भी पूरी तरह गलत है। विजयन सरकार के इस फैसले को कतई स्वीकार नहीं किया जा सकता।
आईएमए ने भी जताई गहरी आपत्ति
वहीं दूसरी ओर यह आईएमए ने भी केरल सरकार के इस फैसले पर गहरी आपत्ति जताई है। आईएमए का कहना है कि कोरोना के बढ़ते केसों के बीच सरकार के इस फैसले को स्वीकार नहीं किया जा सकता है। चिकित्सा आपातकाल के दौरान यह कदम गैरजरूरी और पूरी तरह अनुचित है।
संगठन की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच बकरीद पर लॉकडाउन में ढील देने का फैसला किसी भी नजरिए से उचित नहीं है। संगठन ने इस मुद्दे को लेकर कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की भी बात कही है।
सीएम की घोषणा के बाद पैदा हुआ विवाद
दरअसल ये पूरा विवाद मुख्यमंत्री की विजयन की बकरीद पर पाबंदियों में छूट देने की घोषणा के बाद शुरू हुआ। मुख्यमंत्री ने एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा कि सरकार ने बकरीद के मद्देनजर दुकानों को सुबह सात बजे से रात आठ बजे तक खोलने की अनुमति दी है।
हालांकि सरकार की ओर से दुकानों को विभिन्न श्रेणियों में बांटा गया है और श्रेणीवार ही दुकानों को खोलने की छूट दी जाएगी। विजयन की इस घोषणा पर ही विवाद पैदा हो गया है जिसे लेकर कांग्रेस और आईएमए ने तीखी आपत्ति जताई है।