Maternity & Menstrual Leave: केरल यूनिवर्सिटी छात्राओं को देगी 6 महीने की मैटरनिटी लीव, जानें क्या होंगी नियम व शर्तें

Maternity & Menstrual Leave: केरल विश्वविद्यालय ने अपने यहां पढ़ने वाली फीमेल स्टूडेंट्स के लिए एक प्रगतिशील फैसला लिया है, 18 प्लस आयु वर्ग की लड़कियां अब 6 महीने की मैटरनिटी लीव ले सकती हैं।

Update:2023-03-08 11:25 IST

 केरल यूनिवर्सिटी छात्राओं को देगी 6 महीने की मैटरनिटी लीव, जानें क्या होंगी नियम व शर्तें: Photo Social Media

Maternity & Menstrual Leave: केरल विश्वविद्यालय ने अपने यहां पढ़ने वाली फीमेल स्टूडेंट्स के लिए एक प्रगतिशील फैसला लिया है, जिसकी हर ओर तारीफ हो रही है। यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाली 18 प्लस आयु वर्ग की लड़कियां अब 6 महीने की मैटरनिटी लीव ले सकती हैं। खास बात ये है कि इतनी लंबी छुट्टी लेने के बावजूद उनकी स्टडी प्रभावित नहीं होगी। लीव समाप्त होने के बाद वह वापस अपनी पढ़ाई वहीं से शुरू कर सकती हैं। केरल अपनी फीमेल स्टूडेंट्स को यह सुविधा देने वाला देश का पहला राज्य बन गया है।

केरल विवि ने ये फैसला 5 मार्च को वाइस चांसलर मोहनम कुन्नुम्मल की अध्यक्षता में आयोजित यूनिवर्सिटी सिंडिकेट की एनुअल मीटिंग में लिया था। अगले दिन यानी 6 मार्च को यूनिवर्सिटी द्वारा जारी नोटिफिकेशन में इस फैसले की जानकारी दी गई। नोटिफिकेशन के अनुसार, जो भी छात्राएं मैटरनिटी लीव लेंगी वो 6 महीने बाद फिर से एडमिशन कराए बिना क्लास को रिज्यूम कर सकती हैं। लीव के बाद छात्रा के कोर्स की अवधि को बढ़ा दिया जाएगा, ताकि उनकी पढ़ाई प्रभावित न हो।

कॉलेज प्रिंसिपल देंगें क्लास अटैंड करने की अनुमति

मैटरनिटी लीव लेने वाली छात्राओं का मेडिकल रिकॉर्ड वेरिफाई करने और विश्वविद्यालय की मंजूरी के बिना कॉलेज में फिर से क्लास अटैंड करने देने की जिम्मेदारी कॉलेज प्रिंसिपल की होगी। केरल यूनिवर्सिटी सिंडिकेट के अंडर आने वाले सभी कॉलेजों के लिए ऐसा करना बाध्यकारी होगा। मैटरनिटी लीव इसलिए दी जाती है जिससे महिला अपना और अपने बच्चे का ख्याल रख सके।

क्या है नियम व शर्तें ?

केरल विश्वविद्यालय ने मैटरनिटी लीव हासिल करने के लिए कुछ नियम और शर्तें भी लागू की हैं, जिसका पालन करना जरूरी होगा। यूनिवर्सिटी के नोटिफिकेश के मुताबिक, छात्राएं डिलीवरी से पहले या बाद में 6 महीने की मैटरनिटी लीव ले सकती हैं। इसके साथ ही यह भी कहा गया है कि मैटरनिटी लीव की सुविधा कोर्स की अवधि के दौरान केवल एकबार दी जाएगी।

पीरियड्स लीव की भी दी गई है सुविधा

केरल शिक्षा विभाग के आदेश पर जनवरी में ही सभी उच्च शिक्षण संस्थानों में महिलाओं को मासिक धर्म की छुट्टी देने का आदेश जारी किया गया था। कॉलेजों में लड़कियां 75 प्रतिशत अनिवार्य अटेंडेंस के मुकाबले 73 प्रतिशत उपस्थिति के साथ सेमेस्टर एग्जाम में बैठ सकती हैं।

बता दें कि जनवरी में ही राज्य के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने घोषणा की थी कि केरल सरकारी कॉलेज की फीमेल स्टूडेंट्स को पीरियज औऱ मैटरनिटी लीव देने वाला पहला राज्य बनेगा, जो अब हकीकत में बन चुका है।

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