लखनऊ: औरैया जा रहे सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव को लखनऊ-उन्नाव बार्डर पर एक्सप्रेस-वे टोल प्लाजा पर रोक पुलिस ने हिरासत में लेने के बाद, छोड़ दिया। हिरासत में लेने के बाद पुलिस उन्हें नवाबगंज गेस्ट हाउस लेकर गई थी। पुलिस की इस कार्यवाही के खिलाफ सपा कार्यकर्ताओं में भारी गुस्सा है। सपा कार्यकर्ताओं ने पूर्व सीएम को हिरासत में लिए जाने के विरोध में प्रदर्शन किया। पूर्व सीएम अखिलेश यादव के साथ आनंद भदौरिया सहित सभी नेताओं को पुलिस ने छोड़ दिया।
प्रदीप यादव और समाजवादी कार्यकर्ताओं पर जिन ग़लत धाराओं को लगाने की बात अखिलेश यादव कर रहे थे, उन सभी बिंदुओं पर एडीजी लॉ एंड ऑर्डर ने विचार करने और जो ग़लत है उसको हटाने का आश्वासन दिया है। इसके बाद अखिलेश यादव लखनऊ के लिए रवाना हो गए।
दरअसल, औरैया में जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव के नामांकन के दौरान पुलिस और सपा समर्थकों के बीच तीखी झड़प हो गई थी, जिसमें पुलिस ने सपा कार्यकर्ताओं पर लाठी चार्ज किया था। इसमें पूर्व सांसद प्रदीप यादव गंभीर रूप से घायल हो गए थे। बाद में पुलिस ने उन्हें को हिरासत में ले लिया था।
अखिलेश यादव आज औरैया प्रदीप यादव से मिलने जा रहे थे। जिसके बाद पुलिस पहले से ही नवाबगंज के पास एक्सप्रेस-वे टोलप्लाजा पर अखिलेश को रोकने के लिए मौजूद थी।
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क्या था मामला
-1998 के उप चुनाव में कन्नौज से सांसद रह चुके प्रदीप यादव मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के खास माने जाते हैं।
-जिला पंचायत अध्यक्ष के नामांकन के दौरान बवाल होने के बाद प्रदीप यादव को गिरफ्तार किया गया था।
-पुलिस द्वारा लाठी चार्ज में प्रदीप यादव गंभीर रूप से घायल भी हुए थे।
-आज सुबह से ही एसपी के कार्यकर्ताओं ने कानपुर जीटी रोड पर जाम लगा कर हंगामा किया। इस बीच पुलिस ने कानपुर में सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम समेत कई नेता व कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया है।
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