गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में बच्चों की मौत पर सरकार से HC ने मांगा जवाब

Update: 2017-08-18 08:36 GMT

इलाहाबाद: हाईकोर्ट ने गोरखपुर बीआरडी मेडिकल कॉलेज में बच्चों की मौत पर यूपी सरकार से मौत का कारण पूछा है। कोर्ट ने कहा, कि 'घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। इसमें सही तथ्य सामने आने चाहिए, ताकि इस प्रकार की दुर्भाग्यपूर्ण घटना कि पुनरावृत्ति न हो।

गौरतलब है कि बच्चों की सामूहिक मौत को लेकर कई जनहित याचिकाएं हाईकोर्ट में दायर की गई थीं। इन याचिकाओं पर अलग-अलग वकीलों ने बहस की। वकीलों का कहना था कि इतनी बड़ी घटना के बाद अभी तक मृत बच्चों का पोस्टमार्टम तक नहीं कराया गया और ना ही कोई प्राथमिकी ही दर्ज करायी गई। आरोप लगाया गया है कि सरकार गलत बयानी कर घटना की लीपापोती कर रही है।

सरकार को 29 अगस्त तक का मिला समय

याचिका की सुनवाई कर रहे चीफ जस्टिस डीबी भोसले व जस्टिस यशवंत वर्मा का कहना था कि किसी भी प्रकार का कोर्ट से आदेश पारित करने से पहले सरकार का मौत की कारणों को लेकर जवाब आना जरूरी है। सरकार की तरफ से अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने अदालत से जवाब के लिए समय की मांग की। इस पर कोर्ट ने सरकार को समय देते हुए 29 अगस्त को पुन: इस मामले पर सुनवाई का आदेश दिया।

मौत का कारण स्पष्ट होने के बाद जारी होगा आदेश

कोर्ट का कहना था कि मौत का कारण स्पष्ट होने के बाद वह आगे आदेश जारी करेगी। अधिवक्ता अनूप त्रिवेदी ने अन्य राज्यों की तरह यूपी में भी मेडिकल कॉरपोरेशन के गठन की मांग की है। कोर्ट ने कहा कि वह इस मुद्दे पर भी आगे विचार करेगी। याचिका पर केके राय व वीसी श्रीवास्तव ने भी अलग-अलग पक्ष रखा।

 

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