UP चुनाव: आखिरी दो चरणों की बाजी सौंपेगी सत्ता की चाबी, सभी दलों की सांसें अटकीं
लखनऊ: यूपी में विधानसभा के दो बचे आखिरी चरण में अब चुनाव होने हैं। जिसमें समाजवादी पार्टी की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। छठे चरण में 49 और अंतिम सातवें चरण में 40 सीटों पर 8 मार्च को चुनाव होने हैं। पांचवें चरण की अंबेडकरनगर की आलापुर सीट पर भी 8 मार्च को ही मतदान होगा। एक प्रत्याशी के निधन के कारण इस सीट पर कल होने वाला मतदान रोक दिया गया है।
अंतिम दो चरणों में पूर्वी उत्तर प्रदेश के गाजीपुर, वाराणसी, चंदौली, मिर्जापुर, भदोही, सोनभद्र, जौनपुर, गोरखपुर, बस्ती, देवरिया, कुशीनगर, महराजगंज, बलिया, मउ आदि जिलों में मतदान होना है।
2012 में यहां रफ़्तार से दौड़ी थी साइकिल
पूर्वी उत्तर प्रदेश पिछले विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी (सपा) के गढ़ के रूप में सामने आया था। आधे से ज्यादा सीटों पर साइकिल पूरी रफ्तार से दौड़ी थी। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) चंद सीटों तक ही सिमट कर रह गई थी।
पीएम मोदी और नेताजी की प्रतिष्ठा दांव पर
अंतिम दो चरणों में वाराणसी और आजमगढ जिला भी है जहां से पीएम नरेंद्र मोदी और सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव सांसद हैं। अंतिम दो चरणों में तो इन दो दिग्गज नेताओं की प्रतिष्ठा भी दांव पर है। हालांकि पीएम के लिए तो यूपी का चुनाव जीवन-मरण का भी सवाल बन गया है। बिना सीएम का नाम घोषित किए चुनाव लड़ रही बीजेपी पूरी तरह मोदी के भरोसे है। ये और बात है कि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह समेत अन्य नेता भी जी-जान से जुटे हैं।
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पीएम ने आजमाए तरकश के सभी तीर
राजनीतिक पंडित मान रहे हैं कि इन दो चरणों में बाजी जिसके हाथ रहेगी, सरकार बनाने के करीब वो पार्टी सबसे आगे होगी। इसीलिए पीएम मोदी के अपनी तरकश के सभी तीर आजमाए हैं। जहां जरूरत हुई वहां जाति और हिंदू-मुस्लिम कार्ड खेला। गोंडा की सभा में पिछले साल कानपुर में नवंबर में हुई ट्रेन दुर्घटना का जिक्र अनायास नहीं था। जांच में ये सामने आया कि इसकी साजिश सीमा पार रची गई थी। गोंडा में कल (27 फरवरी) को चुनाव होने हैं। उन्होंने सभा में मौजूद लोगों से सवाल भी किया कि क्या गोंडा की सुरक्षा ऐसे लोगों के हाथ होगी क्या। अब उनकी इस ध्रुवीकरण की अपील का कितना असर हुआ ये तो परिणाम ही बताएगा।
मायावती मुस्लिम वोट बैंक साधने में जुटी
बसपा प्रमुख मायावती चुनाव की शुरुआत से ही मुस्लिम वोट बैंक साधने में जुटी हैं। वो अपनी हर सभा में कहती हैं कि मुसमलान सपा को वोट दें, अपना वोट बर्बाद नहीं करें क्योंकि इससे बीजेपी को ही मदद मिलेगी। उन्होंने अपनी ताजा अपील में कहा है कि मुस्लिम अब सपा की गुलामी से मुक्त हो गए हैं। बसपा को मुसलमानों का पूरा समर्थन मिल रहा है।
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अखिलेश के मन में भी डर
दूसरी ओर, अखिलेश के मन में भी मुसलमानों के बसपा में जाने का डर समाया हुआ है। उनका मानना है कि यदि मुसलमान बसपा में गए, तो इसका फायदा बीजेपी को ही होगा क्योंकि किसी को बहुमत नहीं मिलने पर मायावती बीजेपी के साथ मिल सरकार बनाने का प्रयास करेंगी। मुसलमानों के बसपा के पक्ष में जाने का एक ही उदाहरण काफी है, जब सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान को कहना पड़ा कि बेहतर है कि 'मुसलमान बसपा के बजाए बीजेपी को वोट दे दें। बीजेपी फिर भी उनके लिए कुछ अच्छा करेगी, जबकि मायावती से कोई उम्मीद मुसलमान नहीं कर सकता।'
सत्ता का दरवाजा किसके लिए खुलेगा
अंतिम दो चरणों के मतदान जब तक नहीं हो जाते, तब तक सभी दलों की सांसे अटकी रहेंगी। क्योंकि यही दो चरण किसी के लिए भी सत्ता का दरवाजा खोलेंगे।