मुस्लिम समुदाय के बीच काफी लोकप्रिय थे अटल जी, उनके नाम पर बनाई थी ये कमिटी

Update: 2018-08-17 04:30 GMT

लखनऊ: यह तो हमेशा से पॉपुलर मत रहा है कि मुस्लिम आबादी बीजेपी को जल्दी वोट नहीं देती लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी एकलौते ऐसे नेता थे जिनको आबादी का हर तबका पसंद करता था। हालांकि, हमारे देश में ये मतदान गुप्त रखने की प्रथा पहले से चलती चली आ रही है, जिसके कारण ये पता नहीं लग पता कि किसने किसको वोट दिया।

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मगर इसके बावजूद मुस्लिम समुदाय अटल बिहारी वाजपेयी काफी सम्मान करता था और है। यही कारण था कि अटल जी के नाम पर मुस्लिम समुदाय ने बाकायदा एक कमिटी बनाई थी, जिसका नाम था ‘अटल बिहारी वाजपेयी हिमायत कमिटी’।

इसलिए रखा गया था ‘अटल बिहारी वाजपेयी हिमायत कमिटी’ नाम

दिल्ली के फिक्की ऑडिटोरियम में 25 मार्च 2004 को एक मीटिंग हुई, जिसका आयोजन इस एजेंडे से हुआ कि अटल बिहारी वाजपेयी के लिए आने वाले चुनावों में मुस्लिम समर्थन हासिल कर सकें। इस कमिटी के संयोजक ख्वाजा इफ्तिखार अहमद का कहना था कि अटल जी के कद के बराबर राजनीतिक परिदृश्य में कोई भी नेता नज़र आता। इसलिए इस तरह अटल जी के नाम पर कमिटी बना दी गई।

मुस्लिम समुदाय के बीच काफी लोकप्रिय थे अटल जी

बता दें, ‘अटल बिहारी वाजपेयी हिमायत कमिटी’ ही एकमात्र ऐसी कमिटी नहीं थी, जोकि अटल जी के काम और उनके व्यक्तित्व से इम्प्रेस थी। इस कमिटी के अलावा ऑल इंडिया मुस्लिम ऑर्गेनाईजेशन के प्रेसिडेंट मौलाना जमील अहमद इलयासी, बॉम्बे मर्कंटाइल बैंक के तत्कालीन चेयरमैन और अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के पूर्व वाइस चांसलर डॉक्टर महमुदुर रहमान और हज कमिटी के तत्कालीन चेयरमैन तनवीर भी अटल जी के मुरीद थे।

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