जानिए क्यों! अयातुल्ला ने जो कहा उसके बाद तो यहूदी और ईसाई आ जाएंगे निशाने पर
तेहरान : ईरान के सर्वोच्च धार्मिक नेता अयातुल्ला अली खामनेई ने रविवार को दुनिया भर के मुस्लिमों से करीब आ रहे वार्षिक हज के दौरान अमेरिका और इजरायल के 'बुरे कामों' के खिलाफ आवाज उठाने का आग्रह किया। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, खामनेई ने कहा, "इस्लामी दुनिया से जुड़े विषयों में से एक अल कुद्स (जेरुशलम) का मुद्दा और एक अल-अक्सा मस्जिद का है, जो कि आज केंद्र में है।"
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उन्होंने कहा कि मुस्लिमों की राय व फिलिस्तीन व अक्सा मस्जिद के समर्थन में आवाज उठाने के लिए सऊदी अरब के पवित्र शहर मक्का व मदीना से बेहतर कोई और स्थान नहीं हो सकता है।
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उन्होंने कहा कि अमेरिका का मुस्लिम देशों के मामलों में दखल और इसके द्वारा आतंकी समूहों को बनाना इन देशों के खिलाफ मुस्लिमों के खड़े होने का दूसरा महत्वपूर्ण कारण है।
हज की रस्में अगस्त के अंत में सऊदी अरब के पवित्र शहर मक्का में होंगी।
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खामनेई ने कहा, "अमेरिकी सरकार आतंकवादी समूहों से बड़ी खलनायक व दुर्भावना से भरी है। शत्रुओं द्वारा रची गई विभाजनकारी साजिश को मुस्लिमों को समझना चाहिए।"
ईरान ने बीते साल हज समारोह के लिए यात्री भेजने से इनकार किया था। ईरान ने यह फैसला 2015 के हज में भगदड़ में तीर्थयात्रियों के मारे जाने के बाद सुरक्षा की चिंता के मद्देनजर लिया था। 2015 में भगदड़ में मरने वालों में ईरान के 450 लोग शामिल थे।
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ईरान व सऊदी अरब के बीच मामले को सुलझाए जाने के बाद ईरान ने कम से कम 86,500 तीर्थयात्रियों को वार्षिक हज समारोह में इस साल भेजने का निर्णय लिया है।