नई दिल्ली: अयोध्या विवाद से संबंधित मुकदमे में सर्वोच्च न्यायालय सोमवार यानि 20 अक्टूबर से सुनवाई शुरू कर सकता है। सुप्रीम कोर्ट में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करेगी।
बता दें कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में अयोध्या में विवादित भूमि को राम लला, निर्मोही अखाड़ा और मूल मुस्लिम वादी के बीच बांटने का आदेश दिया था। अयोध्या मामले की सुनवाई सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति के. एम. जोसेफ की पीठ करेगी।
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शीर्ष अदालत के तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस. अब्दुल नजीर की पीठ ने दो बनाम एक के बहुमत से उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज करते हुए निर्देश दिया था कि मामले की सुनवाई तीन न्यायाधीशों की पीठ 29 अक्टूबर से करेगी।
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नमाज अदा करने के लिए मस्जिद आवश्यक नहीं: कोर्ट
बहुमत से दिए गए 27 सितंबर के फैसले में कहा गया कि नई संविधान पीठ दोनों पक्षों-हिंदू और मुस्लिम हितधारकों- द्वारा दायर याचिकाओं पर 29 अक्टूबर से सुनवाई करेगी। मुस्लिम याचिकाकर्ताओं ने उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर पांच न्यायाधीशों की पीठ द्वारा सुनवाई करने की मांग की थी, क्योंकि अदालत ने शीर्ष अदालत के 1994 के फैसले पर विश्वास किया था कि इस्लाम में नमाज अदा करने के लिए मस्जिद आवश्यक नहीं है।
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--आईएएनएस