वाराणसी: काशी की डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में शनिवार को बम की सूचना मिलने के बाद हड़कंप मच गया। पुलिस के आला अधिकारी, बम डिस्पोजल और डॉग स्क्वॉयड के साथ मौके पर पहुंच गए। एक वकील की कुर्सी के नीचे से बम स्क्वॉयड ने जिंदा हैंड ग्रेनेड बम बरामद किया है, जिसे बम को डिफ्यूज कर दिया गया है। अभी भी तीन बम की तलाश जारी है। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह वाराणसी के सर्किट हाउस पहुंच गए हैं। वहीं, 26 अप्रैल को संकट मोचन मंदिर में पाकिस्तानी गजल गायक गुलाम अली भी गाने के लिए आ रहे हैं।
डीजीपी जावीद अहमद ने newztrack को बताया, ''पुलिस को रूटीन चेकिंग के दौरान यह बम मिला। इस हैंड ग्रेनेड ने डेटोनेटर गायब है, जिसे देखकर ऐसा लगता है कि ये किसी शरारती तत्व का काम हो सकता है। यह किसी ऑर्गेनाइज्ड ग्रुप का काम नहीं लग रहा है। इस मामले में पूरी सतर्कता बरती जा रही है और शहर के अन्य इलाकों में भी जांच की जा रही है, ताकि कोई भी अप्रिय घटना न हो।''
सर्किट हाउस पहुंचे राजनाथ
-राजनाथ सिंह करीब छह बजे वाराणसी के बाबतपुर एयरपोर्ट पहुंचे।
-वहां से वे सर्किट हाउस गए।
-कचहरी में बम मिलने के बाद पुलिस की सक्रियता बढ़ गई है।
-एसएसपी के आदेश पर शहर को हाई एलर्ट कर दिया गया है।
-एसएसपी आकाश कुलहरि ने बताया कि कचहरी परिसर में मौजूद सभी द्वार पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे।
'बम में नहीं था डेटोनेटर'
-एसएसपी आकाश कुलहरी ने बताया कि बैग में जो बम मिला था उसमे डेटोनेटर नहीं था।
-इसका मतलब है कि बम पहले से ही डिफ्यूज था, लेकिन बतौर सावधानी उसे बम डिस्पोजल स्क्वॉयड अपने साथ ले गया है और उसकी जांच की जा रही है।
पुराने ब्लास्ट स्पॉट्स पर भी बीडीएस तैनात
-कोर्ट परिस्सर में बम मिलने के बाद पूरे वाराणसी को हाई अलर्ट पर डाल दिया गया है।
-बीते सालों में जिन जगहों पर भी बम ब्लास्ट हुए थे, वहां पुलिस और बीडीएस की टीमें भेज दी गईं हैं।
-इन जगहों में संकट मोचन मंदिर, दशाश्वमेध घाट और कैंट रेलवे स्टेशन शामिल हैं।
-इसके अलावा पुलिस वाराणसी के सभी भीड़भाड़ वाले इलाकों में सतर्कता के साथ चेकिंग कर रही है।
खाली कराया गया कोर्ट परिसर
-सेंट्रल बार एसोसिएशन अध्यक्ष विवेक शंकर तिवारी ने बताया कि माइक से अनाउंस करके पूरे कोर्ट परिसर को खाली करा दिया गया है।
-जिला जज के आदेश पर अब हर केस की सुनवाई सोमवार को होगी।
कमियां हुईं उजागर
-कोर्ट में कुल पांच गेट हैं। तीन दिवानी की तरफ हैं और दो कलेक्ट्रेट की तरफ।
-कोर्ट में हुए ब्लास्ट के बाद से ही सभी गेटों पर मेटल डिटेक्टर डोर लगाया गया था।
-ये डोर हमेशा ही खराब रहते हैं। कोर्ट में जो सीसीटीवी लगें उनमें से भी ज्यादातर खराब पड़े हुए हैं।
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इससे पहले 7 मार्च, 2006 और 23 नवंबर 2007 में काशी में ब्लास्ट हुए थे। 2006 में संकट मोचन और कैंट स्टेशन पर सीरियल बम ब्लास्ट हुए थे, जिसमें 30 से ज्यादा लोग मारे गए थे। वहीं, 2007 में सिविल और कलेक्ट्रेट परिसर में ब्लास्ट हुए। इन घटनाओं से पूरी काशी कांप उठी थी। इसमें करीब 9 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 155 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।