अब नसीमुद्दीन की विधान परिषद सदस्यता के पीछे पड़ीं मायावती!

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती अब भी नसीमुद्दीन सिद्दीकी का पीछा नहीं छोड़ रही हैं। पार्टी की कोशिश है कि जल्द से जल्द उनकी विधान परिषद सदस्यता समाप्त की जाए।

Update: 2017-06-29 14:28 GMT
अब नसीमुद्दीन की विधान परिषद सदस्यता के पीछे पड़ीं मायावती!

लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती अब भी नसीमुद्दीन सिद्दीकी का पीछा नहीं छोड़ रही हैं। पार्टी की कोशिश है कि जल्द से जल्द उनकी विधान परिषद सदस्यता समाप्त की जाए। इसीलिए ​परिषद अध्यक्ष के समक्ष उनकी सदस्यता को चुनौती दी गई है।

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तर्क दिया गया है कि उन्होंने बीते 27 मई को राष्ट्रीय बहुजन मोर्चा के नाम से एक अलग राजनीतिक दल बना लिया है। चूंकि उनका मूल दल बसपा है। इसलिए उन्हें परिषद की सदस्यता से बीते 27 मई से अयोग्य माना जाए।

क्या कहा गया है याचिका में ?

परिषद में पार्टी नेता विधानपरिषद सुनील कुमार​ चित्तौड़ ने यह याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया है कि बीते 27 मई को उन्होंने राष्ट्रीय बहुजन मोर्चा नाम से अपना एक पृथक राजनीतिक दल बना लिया है। उनका यह आचरण विधिक और संवैधानिक रूप से मूल राजनीतिक दल की सदस्यता छोड़ने की बात सिद्ध करता है।

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इसलिए उनकी सदस्यता समाप्त मानी जाए और उन्हें सदस्य के रूप में अनुमन्य कोई भी सुविधा या भत्ता न दिया जाए। बता दें कि सिद्दीकी बसपा की ओर से विधान परिषद के सदस्य के रूप में 23 जनवरी, 2015 को निर्वाचित हुए थे।

इन नियमों का दिया गया है हवाला

-याचिका में यूपी विधान परिषद सदस्य (दल परिवर्तन के आधार पर निरर्हता) नियमावली।

-1987 सपठित संविधान की दसवीं अनुसूची एवं अनुच्छेद 191(2)

-स्वेच्छा से अपने मूल राजनैतिक दल बसपा की सदस्यता त्याग करने के संबंध में नियम-7

-इन्हीं नियमों के आधार पर अध्यक्ष से सिद्दीकी की सदस्यता समाप्त करने की मांग।

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