बाबा राम रहीम को 10 साल की सजा हुई जो उसके कुकर्मों के लिहाज से कम है। कानून के जानकारों के मुताबिक सीबीआई ने भले ही अच्छा काम किया हो, लेकिन उससे भी धारा लगाने में चूक हुई है। वर्ना बाबा अपनी अंतिम सांस भी जेल में ही लेता। हम में से बहुत इस बात से नाराज भी होंगे, कि उम्रकैद मिलती तो सही रहता। उनके कलेजे की ठंडक के लिए हम बता दें, कि बाबा जी के बुरे दिन शुरू हो चुके हैं। भले ही इस केस में उन्हें कम सजा मिली हो लेकिन बाकी के मामलों में उसे उम्रकैद के चांस काफी अधिक है।
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सितंबर में बाबा बहुत बिजी रहने वाला है, क्योंकि उस महीने में पूर्व डेरा मैनेजर रणजीत सिंह हत्याकांड, पत्रकार हत्याकांड मामले में सीबीआई कोर्ट में हाजिर होगा। इसके साथ ही जयपुर की गुड्डी को गायब करने का भी मामला है, इसकी सुनवाई 7 सितंबर को होनी है। इनके साथ ही साधुओं को नपुंसक बनाने का भी केस बाबा पर दर्ज है।
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कुरुक्षेत्र के खानपुर गांव के रहने वाले रणजीत सिंह हत्याकांड में सीबीआई कोर्ट का फैसला 16 सितंबर को आना है। सिंह की हत्या 10 जुलाई, 2002 को दिनदहाड़े गोली मारकर की गई थी। राम रहीम को शक था कि प्रधानमंत्री और कोर्ट को चिट्ठी रणजीत ने ही लिखवाई है।
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16 सितंबर को एक बार फिर राम रहीम जगदीप सिंह की कोर्ट में होगा, जिन्होंने सोमवार को रेप केस में उसे सजा सुनाई है।
सिरसा के पत्रकार रामचंद्र छत्रपति पत्रकार ने अपने न्यूज़ पेपर ‘पूरा सच’ में डेरा सच्चा सौदा में चल रहे यौन शोषण का खुलासा 30 मई, 2002 को किया। इसके बाद वो बाबा के निशाने पर आ गया, और रामचंद्र को जान से मारने की धमकियां मिलने लगीं। 24 अक्टूबर, 2002 को छत्रपति को उन्हीं के घर के बाहर गोली मार दी गई। रामचंद्र की इलाज के दौरान मौत हो गई।
ये मामला भी जज जगदीप सिंह की अदालत में ही है।
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