लखनऊ: कोयले की कालिख जल्द ही उद्योगपति नवीन जिंदल और पूर्व कोयला राज्य मंत्री दसारी नारायण राव पर लग सकती है। नवीन जिंदल, दसारी नारायण राव के अलावा झारखंड के पूर्व सीएम मधु कोड़ा कोयला घोटाले में आरोपी बनाए जा सकते हैं। सीबीआई ने अपनी चार्जशीट के मुताबिक, इनके खिलाफ पुख्ता सबूत इकट्ठा कर लिए हैं।
सूत्रों के मुताबिक सीबीआई के हाथ लगे दस्तावेज यह बताते हैं कि मनमोहन सरकार में कोयला राज्य मंत्री रहे दसारी नारायण राव को दो करोड़ रुपए नवीन जिंदल की एक कंपनी के मार्फत दिए गए। इसके लिए बाकायदा नवीन जिंदल की ओर से New Delhi Exim (नई दिल्ली आयात-निर्यात कंपनी) नाम की कंपनी बनाई गई।
निहार स्टॉक नाम की ब्रोकिंग कंपनी को इस कंपनी के लिए धनराशि इकट्ठा करने का लिखत-पढ़त में काम दिया गया। निहार स्टॉक ने दसारी नारायण राव की कंपनी सौभाग्य मीडिया को लिखित तौर पर यह इत्तिला दी कि New Delhi Exim उनकी कंपनी में निवेश करने के लिए तैयार है। दिलचस्प यह है कि जिस दिन निहार स्टॉक ने सौभाग्य मीडिया को यह जानकारी दी कि उस दिन तक कंपनी रजिस्ट्रार के दस्तावेज में New Delhi Exim नाम की कंपनी अस्तित्व में ही नहीं थी।
इतना ही नहीं, दसारी नारायण राव और नवीन जिंदल के बीच लेन-देन को पुख्ता करने के लिए डायरेक्टर की मीटिंग में दस रुपए के शेयर की कीमत 100 रुपए फिक्स कर दी गई। New Delhi Exim नाम की कंपनी को जिंदल रियलटी ने ब्याज पर दो करोड़ रुपए का कर्ज दे दिया। अब New Delhi Exim के पास जो दो करोड़ रुपए जिंदल रियलटी से आए उससे सौभाग्य मीडिया का शेयर खरीद लिया गया।
यह कंपनी तेलगू फिल्म निर्देशक और कोयला राज्यमंत्री रहे दसारी नारायण राव की ही है। सीबीआई के दस्तावेज बताते हैं कि New Delhi Exim नाम की कंपनी सिर्फ दो साल तक अस्तित्व में रही। इस दौरान सिर्फ यही एक ही लेन-देन हुआ। बाद में फिर निदेशकों की बैठक कर 100 रुपए के शेयर को दस रुपए में तब्दील कर कंपनी को बट्टे खाते में डाल दिया गया।
सीबीआई के हाथ लगे दस्तावेज बताते हैं कि नवीन जिंदल की जिंदल रियलटी नाम की कंपनी से New Delhi Exim को दो करोड़ रुपए चेक से भुगतान किए गए। भुगतान के काफी बाद जिंदल रिएलिटी और New Delhi Exim के बीच एक करारनामा तैयार किया गया जिसमें लिखा गया कि जिंदल रिएलिटी New Delhi Exim को यह पैसे बतौर कर्ज दे रही है।
अब सवाल यह उठता है कि आखिर कर्ज की इस धनराशि का भुगतान New Delhi Exim ने जिंदल रिएलिटी को क्यों नहीं किया। इस कर्ज के एवज में ब्याज की किसी राशि का भुगतान नहीं होना इसे बेमानी साबित करता है।
दस रुपए के शेयर को 100 रुपए करना और फिर सौ रुपए के शेयर को 10 रुपए करना यह साबित करने के लिए पर्याप्त है कि लेन-देन के सूत्र नवीन जिंदल से लेकर दसारी नारायण राव तक जाते हैं। इस पूरे प्रकरण की आंच राठी स्टील पर भी पड़ सकती है।
मधु कोड़ा ने कमाए 4 हजार करोड़
झारखंड के सीएम रहते हुए मधु कोड़ा ने कोयला और कच्चे लोहे के खान के एलॉटमेंट में 4000 करोड़ रुपए कमाए। कोड़ा ने खानें बड़ी बिजनेस कंपनियों को एलॉट किए।
कोड़ा को हुई थी जेल
झारखंड हाईकोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई ने इस मामले की जांच शुरू की। प्रारंभिक जांच में कोड़ा दोषी पाए गए और उन्हें विजिलेंस विंग ने 20 नवंबर, 2009 को गिरफ्तार कर लिया गया। रांची के बिरसा मुंडा जेल से वे 2013 में जमानत पर रिहा हुए।
ईडी ने जब्त की थी कोड़ा की संपत्ति
दिल्ली में मनी लांडरिंग की विशेष अदालत ने आय से अधिक संपत्ति मामले में कोड़ा की 144 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त कर ली थी। प्रवर्तन निदेशालय ने जांच में मनी लांडरिंग मामले को सही पाया। प्रवर्तन निदेशालय ने अनिल आदिनाथ बस्तावदे की भी कुछ संपत्ति जब्त की, जिसे प्रवर्तन निदेशालय ने 2013 में जकार्ता से गिरफ्तार किया था। अनिल आदिनाथ लंबे समय तक फरार था ओर उसे भगोड़ा धोषित किया गया था।
बिजनेस में मधु कोड़ा के साझेदार और इस मामले के आरोपी मनोज बी. पुनमिया को भी पकड़ा गया। प्रवर्तन निदेशालय का कहना है कि मधु कोड़ा ने 2006 से 2008 तक के अपने कार्यकाल में 3400 करोड़ रुपए का घोटाला किया।