केंद्र: आपराधिक मामले में दोषी सांसद की सदस्यता नहीं हो सकती खत्म

Update: 2017-09-21 11:16 GMT

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा है, कि कोई भी विधायक या सांसद अगर किसी आपराधिक मामले में दोषी पाया जाता है, तो वो अपने आप अयोग्य नहीं होंगे और उनकी सीट को तत्काल प्रभाव से खाली घोषित नहीं किया जा सकता। इसकी वजह यह है कि कानून उन्हें खुद को दोषी ठहराए जाने के फैसले के खिलाफ अपील करने और उस पर रोक हासिल करने का एक मौका देता है। केंद्र सरकार ने कहा, कि यह पॉलिसी मामला है। इसमें कोर्ट को दखल नहीं देना चाहिए।

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दरअसल, केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में एनजीओ 'लोकप्रहरी' की उस याचिका का विरोध किया है, जिसमें कहा गया था कि अगर कोई विधायक या सांसद आपराधिक मामले में दोषी पाया जाता है, तो तत्काल प्रभाव से उसकी सीट खाली घोषित की जाए।

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हर तीसरा सांसद आपराधिक पृष्ठभूमि वाला

गौरतलब है, कि याचिका में सुप्रीम कोर्ट के साल 2013 के फैसले को आधार बनाया गया है, जिसमें कोर्ट ने कहा था कि अगर कोई विधायक या सांसद आपराधिक मामले में दोषी पाया जाता है, तो तत्काल प्रभाव से वो अयोग्य घोषित हो जाएगा। ज्ञात हो, कि नई लोकसभा में हर तीसरा नवनिर्वाचित सांसद आपराधिक पृष्ठभूमि वाला है। इसका खुलासा सांसदों द्वारा भरे गए शपथ पत्र के आधार पर हुआ है।

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